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हिमाचल प्रदेश के बागवानों के लिए सेब की कीमतों में गिरावट चिंता का विषय बन गई है। पिछले पांच दिनों में सेब के दाम में 20 से 25 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। इससे बागवानों को प्रति पेटी 400 से 500 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। मंडी में पिछले हफ्ते 2400 रुपये में बिकने वाली सेब की पेटी अब अधिकतम 1900 रुपये में बिक रही है।

ठियोग। उपमंडल की पराला मंडी में सेब के दामों में गिरावट बागवानों की चिंता बन रही है। पिछले पांच दिनों में 20 से 25 रुपये प्रति किलो के भाव गिर चुके हैं। दाम में आई गिरावट से बागवान को एक पेटी में 400 से 500 रुपये तक का नुकसान हो रहा है।

मंडी में पिछले सप्ताह 2400 रुपये में बिकने वाली पेटी को अधिकतम 1900 रुपये का भाव मिल रहा है। मंडी में खरीदारी करने वाले आढ़ती गिरते दामों के लिए अफगानिस्तान और कश्मीर से आने वाले सेब की बहुतायत को सबसे बड़ी वजह मान रहे हैं।

इसके अलावा मैदानी इलाकों में बाढ़ आने की वजह से सेब की भेजी खेप के उतरने में अधिक समय लगने के कारण सेब खराब होने और अधिक घाटा होना भी गिरते दामों का कारण बनता जा रहा है। इन दिनों देश के बड़ी मंडियों में कश्मीर का सेब पहुंच रहा है।

आढ़ती गुरविंद्र सिंह का कहना है कि कश्मीर का दस किलो का पैक 400 से 700 रुपये और अफगानिस्तान का 15 किलो का कार्टन एक हजार रुपये की कीमत में मिल रहा है।

उनके अनुसार इसके बावजूद ऊपरी शिमला के सेब को कहीं बेहतर दाम मिल रहे हैं। वर्तमान समय में पराला मंडी में लगभग 35 आढ़ती सेब का कारोबार कर रहे हैं जबकि बाहरी राज्यों से सेब की खरीद-फरोख्त करने आए लदानियों की संख्या 70 है।

सेब के दाम घटने से बागवान परेशान 

मंडी में शुक्रवार को 33759 पेटियां बिकने के लिए पहुंची। इसमें 27765 रॉयल किस्म के सेब की पेटियों को 20 से 95 रुपये 5800 रेड गोल्ड किस्म की पेटियों को 15 से 65 रुपये तक के दाम मिले।

लंबे समय तक चलने के लिए मशहूर गोल्डन सेब की कीमत 20 से 40 रुपये प्रति किलो रही। बागवानों का कहना है कि बाहरी देशों के सेब ने हिमाचल के सेब के दाम घटाकर चिंता बढ़ा दी है। इससे आर्थिकी को नुकसान हो रहा है।

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