मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को आइजीआइएमएस में क्षेत्रीय चक्षु केंद्र के उद्घाटन समारोह में यह बात पुन दोहराई कि वे गलती से दो बार उनलोगों के साथ चले गए थे। इशारा महागठबंधन की ओर था लेकिन अब कभी इधर-उधर नहीं होगा। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी थे। नीतीश ने 2005 से पहले के बिहार को लेकर फिर निशाना साधा।
पटना। मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनडीए में बने रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि अब वे इधर-उधर नहीं जाएंगे। एनडीए में ही बने रहेंगे। शुक्रवार को यहां एक समारोह में मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि दो बार एनडीए छोड़ कर उनसे गलती हुई थी। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी उपस्थित थे।
नीतीश ने कहा कि हम दो बार उनलोगों (महागठबंधन) के साथ गए। अब एनडीए को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं। हमारा रिश्ता 1995 से है। 2005 में जब हम लोग सरकार में आए थे तो राज्य की स्थिति बुरी थी। अब हर क्षेत्र में प्रगति नजर आ रही है
नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात के बाद सियासत हुई तेज
असल में बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता के बीच मुलाकात हुई थी। यह सूचना आयुक्त के चयन को लेकर थी। इस चयन में मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच मंत्रणा अपरिहार्य है। दोनों की मुलाकात के दौरान संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित थे।
सोशल मीडिया पर रहा चर्चा का विषय
खुले तौर पर इस मुलाकात को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन इंटरनेट मीडिया और राजनीतिक गलियारे में इसका अलग अर्थ निकाला गया। कहा गया कि कुछ मुद्दों पर केंद्र सरकार से नीतीश कुमार की असहमति है, इसलिए वे विकल्प की खोज कर रहे हैं
हालांकि यह पहला अवसर नहीं है, जब नीतीश ने एनडीए से अलग न होने की घोषणा की। इस साल जनवरी में जब एनडीए की मदद से उनकी सरकार बनी, उन्होंने इधर-उधर न जाने की घोषणा की। लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने कई बार इसे दोहराया।
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