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Somvati Amavasya 2024: भगवान शिव की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, दूर हो जाएंगे सभी दुख और संताप

सोमवती अमावस्या तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद विधि-विधान से देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। साथ ही दान-पुण्य करते हैं। इस शुभ तिथि पर पितरों का तर्पण किया जाता है। गरुड़ पुराण में निहित है कि सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 सितंबर को भाद्रपद अमावस्या है। सोमवार के दिन पड़ने के चलते यह कहलाएगी। सोमवती अमावस्या पर देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मत है कि सोमवती अमावस्या तिथि पर भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साथ ही जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों के तट पर व्यक्ति स्नान-ध्यान कर भगवान शिव की पूजा करते हैं और पितरों का तर्पण करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पर स्नान-ध्यान के बाद महादेव की पूजा करें। इस समय भगवान शिव के नामों का मंत्र जप करें।

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