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उन्नाव में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, भरभराकर गिरा 2 मंजिला मकान; तीन गंभीर, 100 मीटर दूर तक बिखरा मिला मलबा

उन्नाव के करनाईपुर में अवैध तरीके से किए गए बारूद भंडारण में विस्फोट से दो मंजिला इमारत ढह गई। गृहस्वामी कारीगर गंभीर रूप से झुलस गए जबकि पत्नी मलबे में दबी मिली। पुलिस और दमकल टीम ने घंटों मशक्कत के बाद मलबे में दबी पत्नी को बाहर निकाला और तीनों को अस्पताल पहुंचाया। सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

पाटन (उन्नाव)।  बारासवगर क्षेत्र के करनाईपुर में नहर के पास स्थित घर में अवैध तरीके किए गए बारूद भंडारण में गुरुवार सुबह करीब 11 बजे विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि दो मंजिला इमारत ढह गई। मलबा 100 मीटर दूर तक बिखरा मिला।

विस्फोट में गृहस्वामी व कारीगर गंभीर रूप से झुलस गए, जबकि पत्नी मलबे में दबी मिली। पुलिस व दमकल टीम ने घंटों मशक्कत के बाद मलबे में दबी पत्नी को बाहर निकाला और तीनों को अस्पताल पहुंचाया। सभी की हालत गंभीर है। धमाके की आवाज दो किमी दूर तक सुनी गई। जिससे हर कोई दहशत में पड़ा रहा।

करनाईपुर निवासी 42 वर्षीय सुनील गौतम का लालकुआं-ऊंचगांव मार्ग के किनारे दो मंजिला पक्का घर है। वह काफी समय से अवैध तरीके से आतिशबाजी बनाने व बेंचने का काम कर रहा था।

गुरुवार सुबह वह घर में कारीगर भवानीखेड़ा गांव निवासी 22 वर्षीय महतू कोरी के साथ आतिशबाजी बना रहा था। उसकी पत्नी बीना दूसरी मंजिल पर घर का काम कर रही थी। सुबह करीब 11 बजे अचानक ऐसा धमाका हुआ कि पूरा घर ईंट के टुकड़ों में बंट गया। सुनील व महतू छिटककर 50 फीट दूरी पर स्थित नहर में जा गिरे। वहां से उठकर सड़क तक आए और फिर गिर गए।

पूरा शरीर गंभीर रूप से झुलस चुका था। धुएं का गुबार और मलबे से आतिशबाजी होती देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई। सदर, पुरवा व बीघापुर की दमकल मौके पर पहुंची और मलबे में दबी बीना को बाहर निकाला। तीनों घायलों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग व जल रही आतिशबाजी को शांत किया गया। एएसपी अखिलेश सिंह, सीओ बीघापुर ऋषिकांत आसपास थानों की फोर्स के साथ रेस्क्यू अभियान में लगे रहे। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने बताया कि प्रथम दृष्टया पटाखा से विस्फोट की बात सामने आई है। जांच के निर्देश दिए गए हैं।

दो घंटे बंद रहा आवागमन, डेढ़ घंटे जलती रही आतिशबाजी

घटना के बाद करीब दो घंटे तक लालकुआं-ऊंचगांव मार्ग का आवागमन बंद रहा। जिससे दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी रही। विस्फोट से मलबे में बदले घर से करीब डेढ़ घंटे आतिशबाजी जलती रही। दमकल ने बुलडोजर से मलबा हटा पानी की बौछार कर स्थित सामान्य की।

स्कूल गए थे बच्चे, बच गई जान

सुनील गौतम के तीन बच्चे प्रियांशी, खुशी व मयंक हैं। गुरुवार सुबह वह बीघापुर के लक्ष्मी नारायण विद्यालय पढ़ने गए थे। विस्फोट के समय बच्चे घर पर नहीं थे, जिससे तीनों की जान बच गई।

अलमारी में ढाई लाख की नकदी व जेवर मिले

बुलडोजर से मलबा हटाने के दौरान घर की अलमारी पुलिस को मिली। सीओ ऋषिकांत शुक्ल ने बताया कि अलमारी से करीब ढाई की नकदी व जेवर मिले, जो सुनील के स्वजन को सौंप दिए गए। स्कूल गए बच्चों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि बुधवार को उनके पिता सुनील कानपुर से आतिशबाजी खरीदकर लाए थे। वहीं फारेंसिक व फील्ड यूनिट ने मौके पर जाकर साक्ष्य संकलन किया और बारूद के मिले अवशेष सुरक्षित किए।

पिता की विस्फोट से हुई मौत से भी नहीं लिया सबक

24 जुलाई 2007 को सुनील के पिता नन्हेलाल व उसके सहयोगी पाली निवासी शिवकुमार की भी बारूद विस्फोट में मौत हो गई थी। पिता के पास आतिशबाजी का लाइसेंस था। पिता की मौत के बाद सुनील ने बिना आतिशबाजी लाइसेंस लिए अवैध तरीके से घर पर निर्माण व बिक्री का काम शुरू कर दिया था। पिता की मौत से यदि वह सबक लेता तो गुरुवार को उसकी पत्नी व कारीगर की जान खतरे में न पड़ती।

पुलिस की सांठगांठ से चल रहा था अवैध कारोबार

घटनास्थल से 50 मीटर दूर लाइसेंसी आतिशबाज टेढ़ा गांव निवासी चंद्रशेखर की कोठरी है। चंद्रशेखर ने बताया कि अवैध रूप से किए जा रहे कारोबार की उसने कई बार बारासगवर थाना में सूचना दी पर पुलिस यहां झांकने तक नहीं आई। बताया कि पुलिस की सांठगांठ से ही अवैध कारोबार चल रहा था और गुरुवार को हादसे ने जन्म ले लिया। पुलिस समय रहते उसकी शिकायत पर कार्रवाई करती तो घटना न होती।

बिहार की घटना से भी नहीं लिया सबक

बिहार क्षेत्र के पकरा खुर्द (भदिहा) में नौ जुलाई को अली अहमद की दुकान में बारूद विस्फोट हुआ था। जिसमें उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया और करनाईपुर गांव में दूसरा हादसा हो गया।

घर में थे तीन एलपीजी सिलेंडर, एक फटा

घटना के वक्त सुनील के घर में तीन एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर रखे थे। तेज धमाके के साथ एक फट गया, जबकि दो मलबे में दब गए। घटना के बाद लगातार हो रही आतिशबाजी व सिलेंडर के दबे होने से विस्फोट होने के अंदेशे पर ग्रामीणों को घटनास्थल से पुलिस ने हटा दिया। एफएसओ शिवराम यादव ने अपनी टीम के साथ कड़ी मशक्कत के बाद दोनों सिलेंडर को बाहर निकलवा ठंडा किया।

दमकल को घटनास्थल पर पहुंचने में लगा एक घंटा

घटना के वक्त बीघापुर की दमकल नाले में गिरे साड़ को रेस्क्यू करने गई थी। सदर से दमकल को पहुंचने में एक घंटा लग गया। बाद में पुरवा व बीघापुर की भी दमकल वहां पहुंच गई।

 

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