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NPS vs UPS: नई पेंशन स्कीम पर फूटा कर्मचारियों का गुस्सा, बोले- नहीं चलेगा UPS; ब्लैक वीक से शुरू करेंगे प्रोटेस्ट

बिहार के कर्मचारी संगठनों ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विरोध किया है। सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना की तरह यूपीएस को भी छलावा बता रहे हैं। उनका कहना है कि यूपीएस में पुरानी पेंशन योजना जैसा कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। कर्मचारी संगठनों और संघों ने ब्लैक वीक (काला सप्ताह) मनाने का निर्णय लिया है।

पटना। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) से जुड़े सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना (एनपीएस) की तरह एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को भी छलावा बता रहे हैं।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडेय व महासचिव शशि भूषण का कहना है कि हमारा आंदोलन पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के लिए था। ओपीएस जैसा कोई भी प्रविधान यूपीएस में नहीं है, इसलिए सरकारी कर्मचारी अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

दो से छह सितंबर तक ब्लैक वीक

ब्लैक वीक (काला सप्ताह) के लिए सभी कर्मचारी संगठनों-संघों से समर्थन मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि एनएमओपीएस ने दो से छह सितंबर के बीच काला सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है।

क्या है कर्मचारी संगठनों की मांग ?

वरुण के अनुसार, हमारी मांग मूल वेतन और महंगाई भत्ता को जोड़कर उसके 50 प्रतिशत पेंशन की है। यूपीएस में कर्मियों के योगदान में से केवल आखिर के छह माह के मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। ऐसी स्थिति में तो एनपीएस ज्यादा बढ़िया होगा, जबकि हमें एनपीएस स्वीकार्य ही नहीं। ऐसे में हमारे लिए यूपीएस भला कैसे स्वीकार्य होगी।

शशि भूषण का कहना है कि यूपीएस में सरकार योगदान का सारा पैसा ले लेगी। यानी कर्मचारियों के साथ 10 प्रतिशत स्वयं का 18.5 प्रतिशत भी। हमारी मांग है कि योगदान की राशि सेवानिवृत्ति पर बिल्कुल जीपीएफ की तरह ही वापस कर दी जाए।

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