PM मोदी ने मुजफ्फरपुर की बैंक सखी से किया संवाद, Income के सवाल पर गुंजन बोलीं- दोगुनी मेहनत से करूंगी काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा संवाद करने का मौका पाकर मुजफ्फरपुर की बैंक सखी गुंजन कुमारी को सकारात्मक ऊर्जा मिली है। उन्होंने अपने सफर के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे बैंक सखी के रूप में महिलाओं को बैंकिंग से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाया और लखपति दीदियों की सूची में शामिल हुईं।
मुजफ्फरपुर। लखपति दीदियों में शामिल साहेबगंज के माधोपुर हजारी गांव की बैंक सखी गुंजन कुमारी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीधा संवाद का अवसर मिला।
यह सुअवसर उन्हें रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान मिला। कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री ने उनसे परिचय पूछा। फिर कार्यों की जानकारी ली।
गुंजन ने पीएम को बताया कि वह बैंक सखी के रूप में काम करती हैं। घर-घर जाकर महिलाओं को बैंकिंग से जुड़ी जानकारियां देने के साथ सुविधा भी उपलब्ध कराती हैं। गांव में ही कस्टमर सर्विस प्वाइंट भी चलाती हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी आमदनी के बारे में पूछा।
गुंजन ने बताया कि प्रतिमाह 19-20 हजार रुपये और सालाना आय करीब ढाई लाख रुपये है। पीएम ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। कहा, खूब तरक्की करें
अब दोगुनी मेहनत से करूंगी कार्य दैनिक जागरण से बातचीत में गुंजन ने बताया कि यह पहला अवसर था, जब इतने बड़े आयोजन में शामिल होने का मौका मिला।
प्रधानमंत्री से बात करने के बाद नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अब दोगुनी मेहनत के साथ कार्यों को पूरा करेंगी। वह जीविका समूह से भी जुड़ी हैं।
इसके माध्यम से आज लखपति दीदियों की सूची में शामिल हुई हैं। अब उन्हें क्षेत्र में बैंक सखी के नाम से पुकारा जाता है।
जीविका समूह से जुड़ने के बाद बदली किस्मत
गुंजन अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहती हैं कि वह समय संघर्ष से भरा था। पति खेती करते थे, लेकिन आमदनी इतनी नहीं थी कि तीन बच्चों का पालन-पोषण, घर का खर्च और पढ़ाई-लिखाई बेहतर तरीके से हो पाता। वह शुरू से बैंकिंग या शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी करना चाहती थीं।
करीब दो वर्ष जीविका से जुड़ने का अवसर मिला। वर्ष 2023 में गांव में ही कस्टमर सर्विस प्वाइंट की शुरुआत की। गांव के परिवेश में यह करना सरल नहीं था, लेकिन पति का साथ मिला।
धीरे-धीरे काउंटर संभालने से लेकर अन्य जरूरी काम भी करने लगीं। गांव में हर महिला को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराईं। दर्जनों महिलाओं को स्वरोजगार का रास्ता भी दिखाया।
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