Patna News: MLA रीतलाल के भाई ने कराया था AIIMS सेक्योरिटी ऑफिसर पर जानलेवा हमला, आरोपियों ने उगले चौंकाने वाले राज
एम्स सुरक्षा अधिकारी प्रेमनाथ राय पर फायरिंग के मामले में राजद विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव की भूमिका सामने आई है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने प्रेमनाथ पर गोली चलाने की बात कबूल की है। आरोपियों ने बताया कि पिंकू यादव ने ही उन्हें प्रेमनाथ पर हमला करने के लिए कहा था। पुलिस अब पिंकू यादव की तलाश कर रही है।
एम्स के सुरक्षा अधिकारी प्रेमनाथ राय की कार पर फायरिंग कर जानलेवा हमला करने के मामले में राजकुमार (बटेवा, खिरीमोड़) और गुड्डू यादव (सवासपुर, कृष्णागढ़, आरा) को जेल भेज दिया गया। दोनों अभी रूपसपुर थाना क्षेत्र के रामजयपाल नगर में रह रहे थे।
राजकुमार एम्स में सुरक्षा गार्ड है, जबकि गुड्डू सिक्योरिटी फील्ड ऑफिसर। इन्हें पुलिस ने एम्स से सटे हरिनगर स्थित हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया।
आरोपितों ने प्रेमनाथ पर गोली चलाने की बात स्वीकार की और कबूल किया कि इसकी साजिश दानापुर विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव ने रची थी।
सिटी एसपी (पश्चिमी) अभिनव धीमान ने बताया कि राजकुमार और गुड्डू वेतन का 50 प्रतिशत लेकर अभ्यर्थियों को गार्ड में नियुक्त कराते थे। इसकी जानकारी वे पिंकू यादव को देते थे। पिंकू के कहने पर ही उन्होंने प्रेमनाथ पर फायरिंग करवाई थी।
प्रेमनाथ आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) से एम्स में उप मुख्य सुरक्षा पदाधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त हैं। साजिशकर्ता पिंकू समेत हमले में शामिल अन्य अपराधियों की खोज शुरू कर दी गई है।
पिंकू की गिरफ्तारी के लिए वारंट की अर्जी
खगौल थाने की पुलिस ने पिंकू यादव की गिरफ्तारी के लिए शनिवार को कोर्ट में वारंट के लिए अर्जी दी। इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो पुलिस इश्तेहार और कुर्की की कार्रवाई करेगी।
बताया जाता है कि 19 अगस्त की सुबह 10:52 बजे पिंकू यादव ने प्रेमनाथ के मोबाइल पर काल कर एम्स में अपने अभ्यर्थियों की गार्ड में भर्ती कराने को कहा था।
साथ ही धमकी दी थी कि दानापुर और खगौल हमारा इलाका है। हमारी बात नहीं मानने पर बुरा परिणाम भुगतना पड़ेगा।
राजकुमार का रहा है आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार गार्ड का आपराधिक इतिहास रहा है। उस पर फुलवारीशरीफ थाने में 23 मार्च को धनंजय कुमार की ओर से प्राथमिकी कराई गई थी। वह भी एम्स में गार्ड है।
उसने बताया था कि सिक्योरिटी सॉल्यूशन सर्विसेज कंपनी के माध्यम से नियुक्त होने के बाद राजकुमार ने रुपयों की मांग की थी। रकम नहीं देने पर दो साथियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला किया था।
प्रेमनाथ पर हुए हमले में राजकुमार और गुड्डू की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की गई थी। वारदात में प्रयुक्त हथियार की भी तलाश की जा रही है।
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