बहराइच के महाराजगंज कस्बे में अब्दुल हमीद के घर के सामने से विसर्जन यात्रा निकल रही थी। इस दौरान पर समुदाय विशेष ने पथराव कर दिया। विरोध करने पर फायरिंग की जिसमें 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र गोली लगने से मौत हो गई। उसके बाद हिंसा भड़की। इस पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
मुरादाबाद। बहराइच हिंसा पर राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का दौर जारी है। मैनपुरी में सोमवार को एक तरफ सपा मुखिया ने भारतीय जनता पार्टी को उपचुनाव में राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाते हुए बयानबाजी की। वहीं दूसरी तरफ सपा के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता एसटी हसन ने भी बयान दिया है।
एसटी हसन का बयान आया सामने
बहराइच हिंसा पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एसटी हसन का कहना है कि लाखों लोग जुलूस निकालते हैं, झंडे फहराए जाते हैं। कहीं कोई झंडा लेकर चल रहा होता है, कहीं कोई और, पहले से एक लड़के को तैयार करके ये सब किया गया। उसने झंडा तोड़ने की कोशिश की और जाहिर है, गुस्सा था। उसे गोली मार दी गई। एसटी हसन ने कहा, कि न तो झंडा उतारना सही था और न ही गोली मारना सही था। लेकिन उसके बाद जो बवाल हुआ, वो सबने देखा। पुलिस के नेतृत्व में लोगों के घर जलाए गए, दुकानें जलाई गईं, लोगों के शोरूम जलाए गए और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इससे और क्या पता चलता है? ऐसा क्यों हुआ? हमने कभी नहीं सोचा था कि ये दंगा राजनीति इतने निचले स्तर पर गिर जाएगी।
ये था मामला
महसी इलाके के महराजगंज में 13 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन यात्रा पर समुदाय विशेष के युवकों ने पथराव कर दिया था। विरोध करने पर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बवाल कुछ इस कदर बढ़ा कि महराजगंज व नगर कोतवाली क्षेत्र में तोड़फोड़ व आगजनी की गई।
दूसरे दिन भी उड़ी थी अफवाह
घटना के दूसरे दिन भी एक अन्य युवक की इलाज के दौरान मौत की अफवाह से हालात फिर बिगड़ गए और हिंसा भड़क गई। हालात बेकाबू इस कदर हुए कि एडीजी कानून व्यवस्था व सचिव गृह मौके पर पहुंचे। उपद्रवियों को काबू करने के लिए स्वयं एडीजी पिस्टल हाथ में थाम कर उन्हें दौड़ाते नजर आए। इसके बाद हालात सामान्य हुए। पूरे मामले में अब तक 112 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है। इनमें चार नामजद आरोपित शामिल हैं।
बुलडोजर कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक
महाराजगंज बाजार में हुई हिंसा के बाद पीडब्ल्यूडी की ओर से मुख्य आरोपी समेत 23 लोगों के घरों को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में दिल्ली की एक संस्था ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुख्य अभियुक्त की बेटी की ओर से वाद दायर किया है। रविवार शाम को सुनवाई करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट ने सरकार से तीन दिन में पक्ष रखने का निर्देश दिया है। वहीं बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 दिन के लिए रोक लगा दी है।
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