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बहराइच ह‍िंसा मामले में अब तक 112 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है। इनमें चार नामजद आरोपित शामिल हैं। उपद्रवियों ने दो करोड़ से अधिक की संपत्ति आग के हवाले कर दी थी। इस मामले में 1304 लोगों के खिलाफ हरदी थाना व नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।23 मकान व दुकानों पर बुलडोजर चलने की तैयारी भी प्रशासन ने कर ली है।

बहराइच। महसी इलाके के महराजगंज में 13 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन यात्रा पर समुदाय व‍िशेष के युवकों ने पथराव कर दिया था। विरोध करने पर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बवाल कुछ इस कदर बढ़ा कि महराजगंज व नगर कोतवाली क्षेत्र में तोड़फोड़ व आगजनी की गई।

घटना के दूसरे दिन भी एक अन्य युवक की इलाज के दौरान मौत की अफवाह से हालात फिर बिगड़ गए और हिंसा भड़क गई। हालात बेकाबू इस कदर हुए कि एडीजी कानून व्यवस्था व सचिव गृह मौके पर पहुंचे। उपद्रवियों को काबू करने के लिए स्वयं एडीजी पिस्टल हाथ में थाम कर उन्हें दौड़ाते नजर आए। इसके बाद हालात सामान्य हुए। पूरे मामले में अब तक 112 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है। इनमें चार नामजद आरोपित शामिल हैं।

उपद्रवियों ने दो करोड़ से अधिक की संपत्ति आग के हवाले कर दी थी। इस मामले में 1,304 लोगों के खिलाफ हरदी थाना व नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। पूरे मामले में लापरवाही उजागर होने के बाद थानाध्यक्ष हरदी रहे सुरेश कुमार वर्मा व महसी चौकी प्रभारी शिवसागर सरोज को निलंबित कर दिया गया था। दो दिन बाद शासन ने सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ को भी निलंबित कर रामपुर में तैनात रहे सीओ रवि खोखर को महसी भेजा।

कई और अधि‍कार‍ियों पर ग‍िर सकती है गाज

अतिक्रमण कर सरकारी जमीन पर निर्माण कराए गए 23 मकान व दुकानों पर बुलडोजर चलने की तैयारी भी प्रशासन ने कर ली है। सभी को नोटिस दी गई है। बुलडोजर का खौफ इस कदर है कि कार्रवाई से पहले ही अतिक्रमणकारी अपना सामान समेटने में लगे हुए हैं। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि हिंसा मामले में अभी कई और अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

बहराइच में नोटिस के जवाब के लिए 15 दिन का समय

बहराइच के महराजगंज कस्बे में अतिक्रमण करने वालों को लोक निर्माण विभाग की ओर से नोटिस जारी करके तीन दिन में जवाब मांगने का मामला रविवार को हाई कोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट ने तीन दिन को अपर्याप्त मानते हुए जवाब देने का समय 15 दिन कर दिया है और कहा है कि संबंधित प्राधिकारी लोगों के जवाब पर निर्णय लेंगे।

कोर्ट ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई और कहा- 'हमारे पास यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि राज्य सरकार ध्वस्तीकरण के संबंध में शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं करेगी।' मामले की अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।