दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज कैबिनेट मीटिंग के बाद बड़ा एलान किया है। आतिशी ने बताया कि आज कैबिनेट की बैठक विधायकों के फंड बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। अब दिल्ली के विधायकों को 10 करोड़ रुपये के बजाय 15 करोड़ रुपये बतौर विधायक निधि मिलेंगे। इसके साथ ही आतिशी ने कैबिनेट में लिए गए अन्य फैसलों के बारे में भी बताया।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आज कैबिनेट बैठक की, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इसमें सबसे प्रमुख है दिल्ली के विधायकों की विधायक निधि में बढ़त करना।
दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में विधायक निधि (एमएलए फंड) 10 करोड़ से बढ़ाकर 15 करोड़ की गई है। यह जानकारी मुख्यमंत्री आतिशी ने कैबिनेट बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
सीएम आतिशी ने बताया कि विधायक अब हर साल 15 करोड़ से अपने विधानसभा क्षेत्र का विकास करवा पाएंगे। इस बढ़त के बाद दिल्ली के विधायकों की विधायक निधि, महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों के मुकाबले 3 गुणा ज्यादा हो गई है।
पांच करोड़ बढ़ी विधायक निधि
दिल्ली सरकार अपने विधायकों के अंतर्गत होने वाले विकास कार्य के लिए देश में सबसे अधिक बजट देने वाली है। दिल्ली के विधायकों को पहले 10 करोड़ फंड मिलता था अब 15 करोड़ मिलेंगे।
सीएम आवास मामले पर भी दी प्रतिक्रिया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी ने सीएम आवास सील होने के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, भाजपा को मुख्यमंत्री आवास पर कब्जा करके शांति मिलती है तो उनका स्वागत है।
वह आगे बोलीं, भाजपा को बंगला मुबारक हो, हम दिल्लीवालों के दिल में रहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हम बड़े बंगलों और गाड़ियों के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता हैं, हम सड़क पर बैठकर भी दिल्लीवालों के काम करेंगे।
राजकोषीय घाटे को लेकर भी आतिशी ने भाजपा को दिया चैलेंज
दिल्ली सरकार के वित्त विभाग द्वारा राजकोषीय घाटे की जो बात कही गई है, उसे लेकर भी आतिशी ने जवाब दिया और भाजपा को चुनौती भी दी है। आतिशी ने भाजपा को उसके द्वारा शासित किसी भी एक राज्य को दिखाने की चुनौती दी है जो लाभ में चल रहा हो।
आतिशी ने कहा, भाजपा 22 राज्यों में शासन कर रही है। मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वह किसी भी एक राज्य का नाम बता दें, जहां वह प्रॉफिट में हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं दिल्ली के अकाउंट पेश करूंगी और भाजपा से कहूंगी कि वो किसी भी राज्य में ऐसा करके दिखाएं।
सीएम आतिशी ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। उन्होंने दिल्ली के वित्तीय प्रबंधन पर भरोसा जताया और सरकार के खातों को सार्वजनिक जांच के लिए पेश करने का वादा किया।
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