नीट-यूजी वर्ष 2024 की प्रवेश काउंसिलिंग में फर्जी दस्तावेज और नियम के अनुसार अर्हता न पूरी करने वाले 276 छात्रों को काउंसिलिंग से रोक दिया गया है। एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के लिए चल रही द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में नोडल सेंटरों पर दस्तावेजों की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई है। सुभारती मेडिकल कालेज में फर्जीवाड़े के बाद बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है।
लखनऊ। नीट-यूजी वर्ष 2024 की प्रवेश काउंसिलिंग में फर्जी दस्तावेज और नियम के अनुसार अर्हता न पूरी करने वाले 276 छात्रों को काउंसिलिंग से रोक दिया गया है। एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए चल रही द्वितीय चरण की काउंसिलिंग में नोडल सेंटरों पर दस्तावेजों की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई है। बीते दिनों सुभारती मेडिकल कालेज में बौद्ध धर्म का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर प्रवेश लेने का मामला सामने आने के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह की ओर से इन 276 छात्रों की सूची जारी की गई है। फिलहाल अब 23 सितंबर से शुरू हो रही ऑनलाइन सीटों का विकल्प भरने की प्रक्रिया से बाहर कर दिए गए हैं। प्रदेश भर में काउंसिलिंग के लिए 20 नोडल सेंटर बनाए गए हैं।
नीट-यूजी की मेरिट के आधार पर अभ्यर्थी एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है तो इन्हीं नोडल सेंटर पर उनके दस्तावेजों की जांच की जाती है। बीते दिनों मेरठ के सुभारती मेडिकल कालेज में बौद्ध धर्म का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने वाले आठ छात्रों के प्रवेश रद किए गए थे। ऐसे में सभी नोडल सेंटर पर पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय की ओर से दिए गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर 1,720 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने दाखिले के लिए आनलाइन आवेदन फार्म तो भरा लेकिन धरोहर राशि जमा नहीं की। ऐसे में इनके फार्म निरस्त कर दिए गए हैं। एमबीबीएस कोर्स की सरकारी मेडिकल कालेज की सीट के लिए 30 हजार रुपये, निजी मेडिकल कालेज की सीट के लिए दो लाख रुपये व निजी डेंटल कालेज की सीट के लिए एक लाख रुपये धरोहर राशि जमा कराई जाती है। वहीं 1,518 छात्रों ने फार्म भरने के बाद पंजीकरण शुल्क नहीं भरा और इनके फार्म भी रद कर दिए गए हैं।
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