Skip to main content

पेट में जाने से पहले खाना आपकी आंखों से होकर गुजरता है। देखने में रंग-बिरंगा और लज्जतदार भोजन भूख को और ज्यादा बढ़ा देता है लेकिन स्वाद के नाम पर कुछ भी खा लेने में समझदारी नहीं है। ऐसे में आइए आज इस आर्टिकल में शेफ राजीव गोयल से विस्तार में जानते हैं सेहतमंद और सजावटी खाने के बीच का अंतर।

रेस्टोरेंट में पहुंचे परिवार के सामने परोसी गई सब्जी और रंग-बिरंगी विदेशी मिठाइयों को देख भले ही उनके चेहरे पर लंबी सी मुस्कान लिपट जाए, मगर सोचिए कि जब यह रंगों और सजावटों से स्वादिष्ट दिख रहा भोजन उनके शरीर में पहुंचेगा तो क्या वाकई उतना ही सेहतमंद साबित होगा? जवाब किसी के पास नहीं। हो भी कैसे, आज के युग में एक नई प्रवृत्ति ने जन्म लिया है- सजावटी भोजन। यानी खाना भले ही स्वाद में कैसा हो, मगर देखने में इतना आकर्षक बना दिया जाता है कि उसे देखकर उसके पीछे छिपे अनहेल्दी इफेक्ट्स की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। बेवजह नहीं कि बाजार में रंग-बिरंगी सब्जियां केमिकल की मदद से तैयार की जा रही हैं। भोजन में इतनी मिलावट है कि वह प्राकृतिक रंगत से कोसों दूर जा रहा है। मेकअप इंसानों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए तो ठीक है, मगर भोजन में फिलहाल मेकअप की जरूरत नजर

 

सेहत पर पड़ी जहरीली नजर

आज कई रेस्टोरेंट, कैफे और यहां तक कि घरों में भी भोजन को इस तरह से सजाया जाता है कि वह देखने में आकर्षक लगे। इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि भोजन एक कलाकृति है जिसे केवल देखने के लिए बनाया गया है, न कि खाने के लिए, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि सजावट के नाम पर हर चीज खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं होता। इस साज-सज्जा की एक बड़ी वजह है स्क्रीन की दुनिया। इंटरनेट मीडिया पर अपने पल-पल के घटनाक्रम को सबके साथ साझा करने की होड़ में सामान्य सा नजर आने वाला भोजन लाइक्स की बौछार नहीं ला पाएगा।

इंटरनेट मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसी प्लेटफार्मों ने हमारे खाने की आदतों को प्रभावित किया है। यहां भोजन से संबंधित लाखों पेज मौजूद हैं, जो आए दिन भोजन को प्लेट में इस तरह सजाते हुए दिखाते हैं कि वह देखने में अत्यधिक आकर्षक लगे। इसका उद्देश्य होता है कि लोग उसे देखकर प्रभावित हों और इंटरनेट मीडिया पर साझा करें। सजावटी भोजन में अक्सर ऐसी सामग्री का उपयोग किया जाता है जो केवल उसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए होती है। जैसे कि खाद्य रंग, नकली चमक, और अन्य कृत्रिम पदार्थ। ये तत्व भोजन को तो आकर्षक बना देते हैं, लेकिन इनमें से कई तत्व हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, खाद्य रंगों का अत्यधिक उपयोग भोजन को रंगीन और सुंदर बनाता है, लेकिन ये रंग हमारे शरीर में जाकर विषाक्त पदार्थों का निर्माण कर सकते हैं। इसके अलावा, कई बार सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तत्व जैसे कि चांदी का वर्क या सोने के पत्ते, जो कि दिखने में तो सुंदर होते हैं, लेकिन उनका कोई वास्तविक पोषण मूल्य नहीं होता और वे शरीर में अवशोषित नहीं होते। सजावटी भोजन, जिसमें अधिक मात्रा में चीनी, तेल, और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो डालते हैं।

हेल्दी फूड है सेहत का वरदान

स्वाद और पोषण ही किसी भोजन की वास्तविक पहचान होती है। सजावटी भोजन का प्राथमिक उद्देश्य केवल देखने में सुंदर दिखना होता है, जबकि जाहिर है स्वास्थ्यकर भोजन का उद्देश्य शरीर को पोषण प्रदान करना होता है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, और खनिज तत्व की उचित मात्रा से भरपूर भोजन हमारी सेहत को बेहतर रखने के लिए आवश्यक होते हैं। उदाहरण के लिए पारंपरिक भारतीय भोजन, जिसमें दाल, चावल, रोटी, सब्जी, और दही आदि न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि पोषण से भी भरपूर होते हैं। स्वास्थ्यकर रखा जाता है। इसमें ताजगी, प्राकृतिक स्वाद और सही मात्रा में मसालों का उपयोग किया जाता है। स्वास्थ्यकर भोजन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में बेहद फायदेमंद होता है और हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। स्वास्थ्यकर भोजन में प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर को बिना किसी हानिकारक प्रभाव के पोषण प्रदान करता है।

स्वाद और पोषण हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम जो भी भोजन करें, वह न केवल स्वादिष्ट हो बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो। सजावटी भोजन के जाल में फंसने के बजाय, हमें ऐसे भोजन का चयन करना चाहिए जो आवश्यक पोषण प्रदान करे और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे। हमारी प्राथमिकता हमेशा स्वस्थ, संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन होनी चाहिए। इस तरह हम न केवल अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी खुशहाल और संतुलित बना सकते हैं। सजावटी भोजन के मोह में न पड़ें, बल्कि स्वस्थ भोजन को अपनी आदत बनाएं। यह न केवल आपके वर्तमान के लिए बल्कि आपके भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

चार दिन की चांदनी

सजावटी भोजन के नाम पर अनावश्यक और हानिकारक तत्वों का सेवन स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकता है। इनमें से कुछ खतरों को समझना जरूरी है।

  • आर्टिफिशियल रंगों और केमिकल का इस्तेमाल: सजावटी भोजन में उपयोग किए जाने वाले कृत्रिम रंग और रसायन हमारे शरीर में जाकर विषाक्त पदार्थों का निर्माण कर सकते हैं। ये तत्व लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
  • विटामिन और न्यूट्रिएंट्स की कमी: सजावटी भोजन में अक्सर आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी होती है, जिससे हमारे शरीर में इन तत्वों की कमी हो सकती है और हम कुपोषण का शिकार हो सकते हैं।
  • मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: सजावटी भोजन में अधिक मात्रा में चीनी, फैट, और अन्य हानिकारक तत्व हो सकते हैं, जो मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।