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JMM का हिमंत बिस्व सरमा पर हमला; कहा- बिना जानकारी के कानून सिखाने आए, BJP से भी किए कड़े सवाल

असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक बार फिर तीखा हमला बोला है। झामुमो महासचिव ने कहा है कि हिमंत बिना जानकारी के कानून सिखाने के लिए आए हैं। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान लगाए गए कंटीले तार और कंक्रीट के बैरियर लगाने को लेकर BJP को भी घेरा।

 रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक बार फिर सोमवार को असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा पर निशाना साधा।

महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने तंज कसते हुए कहा कि हिमंत बिना जानकारी के कानून सिखाने आए हैं। उन्हें बताना चाहिए कि किसान आंदोलन क्या पाकिस्तान में हो रहा था, जिसे रोकने के लिए कटीले तार और कंक्रीट के बैरियर लगा दिए।

मुकाबला नहीं कर सकते: भट्टाचार्य

उन्हें याद रखना चाहिए कि किसान आंदोलन के समय दिल्ली में 42 केस दर्ज किए गए। हरियाणा में 138 केस दर्ज हुए। कुल मिलाकर एक आंदोलन में 180 एफआइआर दर्ज की गईं।

भट्टाचार्य ने कहा कि नामजद और लाखों अज्ञात के नाम पर केस दर्ज हुए। हिमंत को ये कहना चाहिए था कि भाजपा डरी हुई है। वे झामुमो और हेमंत सोरेन का मुकाबला नहीं कर सकते।

चार राज्यों में चुनाव

उन्होंने कहा कि चार राज्यों में चुनाव होने हैं। इसमें झारखंड भी है। पहले जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया गया। सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने पर वहां चुनाव हो रहे हैं।

आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावों की तिथियों की घोषणा कर दी है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव की तिथि बदलने की मांग की है।

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्र में काबिज सत्तारूढ़ दल का नेता ही चुनाव की तिथि बदलने की मांग कर रहा है। भाजपा लोगों के सामने आने से डर रही है।

यही वजह है कि चुनाव को टालना चाहती है। इसका असर झारखंड में भी दिखाई पड़ा है। भाजपा की रैली में बीजेपी से संबंध रखने वाले तमाम उपद्रवी शामिल थे। इन्होंने पुलिस प्रशासन पर जानलेवा हमला किया।

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