Vinesh Phogat: विनेश फोगाट का अनोखा सम्मान, 50 किलोमीटर पैदल चलकर 30 किलो घी की कांवड़ लाए डॉ. परमजीत
पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के भारत वापस आने के बाद से ही लोगों ने उनका जमतक स्वागत किया। वहीं रोहतक के रहने वाले डॉ. परमजीत ने विनेश फोगाट को अनोखे तरीके से सम्मानित किया। वे विनेश के लिए झज्जर से बलाली तक पैदल चलकर 30 किलो घी अपने कंघे पर रखकर लाए। उन्होंने विनेश से ओलम्पिक 2028 में मेडल लाने की अपील की।
चरखी दादरी। पेरिस ओलिंपिक में महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराए जाने के बाद पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को भारत वापिस लौटी हैं।
आइजीआई एयरपोर्ट दिल्ली से गांव बलाली आने के दौरान जगह-जगह पर लोग पहलवान विनेश का अपने स्तर पर सम्मान कर रहे हैं।
30 किलो घी लेकर बलाली पहुंचे डॉ. परमजीत
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो काफी अनोखे तरीके से पहलवान विनेश को सम्मानित कर रहे हैं। इसी सूची में एक नाम है रोहतक निवासी फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. परमजीत मलिक का।
करीब 45 वर्षीय डॉ. परमजीत मलिक शनिवार को झज्जर से अपने कंधों पर कांवड़ के रूप में दो टीन में 30 किलोग्राम देशी घी लेकर विनेश फोगाट को सम्मानित करने के लिए पैदल ही गांव बलाली में पहुंचे।
50 किमी का सफर पैदल ही तय किया
डॉ. परमजीत मलिक ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे झज्जर से गांव बलाली के लिए पैदल यात्रा शुरू की थी। कंधों पर करीब 30 किलो देशी घी उठाकर डा. परमजीत मलिक ने एक ही दिन में करीब 50 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया।
डॉ. परमजीत मलिक ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि ओलिंपिक में विनेश के साथ जो भी हुआ वह गलत था। लेकिन पूरे देश की नजरों में विनेश का सम्मान और अधिक बढ़ा है। पहलवान विनेश का मनोबल बना रहे, इसलिए सभी लोग उन्हें मान-सम्मान दे रहे हैं।
डॉ. परमजीत मलिक ने कही ये बात
पहलवान की डाइट में घी का अहम स्थान है, ऐसे में उन्होंने भी विनेश को देशी घी देकर सम्मानित करने का मन बनाया और सुबह झज्जर से अपने कंधों पर देशी घी लेकर पैदल ही चल पड़े।
डॉ. परमजीत मलिक ने बताया कि पहलवान विनेश ने ओलिंपिक में विश्व की नंबर वन पहलवान को हराया है। ऐसे में वे भी विनेश फोगाट से अपील करेंगे कि वह ओलिंपिक 2028 में खेलते हुए मेडल लाएं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनें।
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