हिमाचल में भारी तबाही, बारिश और भूस्खलन से 288 सड़कें बंद, 100 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ से तबाही मची हुई है। प्रदेश में बारिश के कारण लगातार भूस्खलन होने की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस वजह से अब तक 280 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 100 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मौसम विभाग ने पांच जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
शिमला:- हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 280 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। अधिकारियों के अनुसार शनिवार को 150 सड़कें बंद कर दी गईं। ऊना में उफनती नदियों का पानी कई घरों में घुस गया है। वहीं लाहौल और स्पीति पुलिस ने निवासियों और यात्रियों को अत्यधिक सावधानी बरतने और जाहलमान नाले को पार न करने की सलाह जारी की है, क्योंकि इसका जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
अब तक 100 से अधिक लोगों की हुई है मौत
कुल्लू, मंडी और शिमला जिले में 31 जुलाई को अचानक आई बाढ़ के बाद लापता हुए लगभग 30 लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।
अब तक 28 शव बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं और 27 जून से 9 अगस्त के बीच राज्य को करीब 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 288 सड़कों में से 138 शुक्रवार को और 150 शनिवार को बंद थीं।
इन जगहों पर भी बह गई हैं सड़कें
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार मंडी में 96, शिमला में 76, कुल्लू में 37, सिरमौर में 33, चंबा में 26, लाहौल और स्पीति में सात, हमीरपुर में पांच और कांगड़ा और किन्नौर में चार-चार सड़कें बंद हैं।
पूह और कौरिक के बीच अचानक आई बाढ़ और नेगुलसरीन के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर भूस्खलन के बाद किन्नौर जिला राज्य की राजधानी शिमला से कट गया है।
IMD ने जारी की है भारी बारिश की चेतावनी
राज्य में 458 बिजली और 48 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। क्षेत्रीय मौसम कार्यालय ने रविवार को पांच जिलों बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया। इसने कहा कि बारिश के साथ गरज और बिजली भी चमकेगी।
इन जिलों में बाढ़ का खतरा
मौसम विभाग ने चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के अलग-अलग हिस्सों में कम से मध्यम अचानक बाढ़ के खतरे की भी चेतावनी दी। निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और 'कच्चे' घरों को नुकसान हो सकता है।
1 जून से शुरू हुए मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश में बारिश की कमी 10 अगस्त तक 28 प्रतिशत रही और हिमाचल प्रदेश में औसत 455.5 मिमी के मुकाबले 328.8 मिमी बारिश हुई।
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