Flood in Bihar: पटना में गंगा खतरे के निशान से ऊपर, दीघा घाट पर 38 सेंटीमीटर ऊपर चढ़ा पानी
Flood in बिहार हाल के दिनों में नेपाल में लगातार बारिश से उत्तर बिहार की कई नदियों में जल स्तर बढ़ गया है कुछ नदियां अपने खतरे के निशान को पार कर गई हैं। वहीं पटना में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। दीघा घाट में जलस्तर बढ़ गया है। बागमती और कोसी भी उफान पर है। लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है।
पटना:- नरम पड़ने के एक दिन बाद गंगा नदी में फिर से उफान आ गया है। इस साल पहली बार गंगा पटना के गांधी घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दीघा घाट पर भी जलस्तर में इजाफा हुआ है। गांधी घाट पर बुधवार सुबह नदी का जलस्तर 48.35 मीटर था, वह गुरुवार सुबह 48.70 मीटर पर पहुंच गया।
यह खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। दीघा घाट पर 49.54 मी से बढ़कर जलस्तर 49.92 मी हो गया है। इस तरह से यहां 38 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है। फतुहा और हाथीदह में भी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है यहां भी यह डेंजर लेवल के करीब पहुंच रहा है।
कोसी और बागमती डराने लगी
नेपाल समेत बिहार में हो रही वर्षा से कुछ नदियों में फिर से उफान आ गया है। सीतामढ़ी-शिवहर में कोसी, झीम और रातो नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। शिवहर में बागमती खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कोसी और सीमांचल की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। खगड़िया में गंगा और बूढ़ी गंडक रफ्तार में है।
दोनों नदियां तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं। बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 43 और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 53 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। वहीं कोसी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। कोसी खतरे के निशान से 37 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बागमती के जलस्तर में बीते 24 घंटे के दौरान 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
बागमती खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बह रही
बागमती खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सुपौल स्थित बराज पर शाम चार बजे कोसी का डिस्चार्ज 2,14,220 क्यूसेक रिकार्ड किया गया। बराज के 27 फाटकों को उठाते हुए इसे डाउन स्ट्रीम में पास आउट कराया जा रहा है। हालांकि मुख्य अभियंता ने तटबंध के सभी बिंदुओं को सुरक्षित बताया है।
मधुबनी और दरभंगा में कोसी और कमला में भी चढ़ाव है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से बुधवार की शाम 1.42 लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है। पिपरा-पिपरासी तटबंध के विभिन्न कटान स्थलों पर नदी का दबाव बना हुआ है।
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