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हिमाचल (हिमाचल न्यूज़) में बसों से यात्रियों के सफर को आसाना बनाने के दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को नई ई-बसों के लिए 327 करोड़ की राशि जारी की है। नई ई-आधुनिक ई-बसों को एक चार्ज में लंबे रूट पर चलाया जा सकता है।

शिमला:- हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बेड़े में दो हजार टाइप-टू इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी। निगम प्रबंधन ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार ने निगम को ई-बसों की खरीद के लिए 327 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

टाइप-टू आधुनिक इलेक्ट्रिक बसें हैं। इनकी बैटरी क्षमता अधिक है। एक बार चार्ज करने पर इन बसों को लंबे रूट पर चलाया जा सकता है। एचआरटीसी के बेड़े में अभी जो ई-बसें हैं, उनकी बैटरी क्षमता एक बार चार्ज करने पर लगभग 140 किलोमीटर ही है।

निगम को आर्थिक घाटे से बाहर लाने के दिशा में हिमाचल सरकार

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को हिमाचल पथ परिवहन निगम की समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश सरकार निगम को आर्थिक घाटे से बाहर लाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

बस सेवा प्रदेश के लोगों के लिए जीवन रेखा का कार्य करती है, क्योंकि प्रदेश में परिवहन का मुख्य साधन यही है। हिमाचल पथ परिवहन निगम लोगों को सुलभ और सुविधाजनक परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाता है, निगम के 12 हजार कर्मचारी इस संस्था की नींव हैं

अयोध्या के लिए छह बसों की सुविधा

सीएम ने कहा कि निगम को हरित परिवहन प्रणाली में परिवर्तित किया जा रहा है और विश्वसनीय परिवहन सेवा के लिए निगम में इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है। वर्तमान में निगम की 110 ई-बसें और 50 ई-टैक्सियां कार्यशील हैं।

उन्होंने कहा कि निगम धार्मिक स्थलों में बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। इस कड़ी में पहले चरण में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अयोध्या जी के लिए छह बसों की सुविधा दी गई है और आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या में वृद्धि की जा सकती है।

सात माह से पहली तिथि को वेतन दे रहे

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में निगम विश्वसनीय परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। उन्होंने कहा कि सात माह से निगम के कर्मचारियों और पेंशनरों को हर माह के पहली तिथि को वेतन और पेंशन मिल रही है, जबकि पूर्व भाजपा सरकार के दौरान कर्मचारियों और पेंशनरों को 8 से 10 दिन के बाद वित्तीय अदायगी की जाती थी

बैठक में अधोसंरचना सलाहकार अनिल कपिल, प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

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