हिमाचल में एनएचएआई कुल्लू से मनाली तक सड़क को ब्यास नदी के कारण होने वाले नुकसान का अब स्थायी समाधान करेगा। इसके लिए एनएचएआई ने देश-विदेश के कई विशेषज्ञों के सुझाव मांगे थे। एनएचएआई के कंसल्टेंट ने इस समस्या के लिए अलग-अलग सुझाव दिए हैं। अगले मानसून से पहले इसके स्थायी समाधान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मंडी:- मानसून सीजन में कुल्लू से मनाली तक सड़क को ब्यास नदी के कारण होने वाले नुकसान का अब स्थायी समाधान होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस संबंध में प्रयास तेज कर दिए हैं।
समस्या के स्थायी समाधान के लिए कंसल्टेंट ने एनएचएआई को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। नदी के बहाव के कारण कटाव को रोकने के लिए स्पर के साथ-साथ आरसीसी व गेबियन दीवार लगेंगी।
कई माह तक बंद रही थी लग्जरी बस सेवा
ब्यास नदी कुल्लू से मनाली तक चुनौती बन गई है। पिछले वर्ष की प्राकृतिक आपदा के दौरान आठ जुलाई व उसके बाद अगस्त में ब्यास नदी में आई बाढ़ से मार्ग का नामोनिशान मिट गया था। अस्थायी मार्ग बनाने में करीब दो माह का समय लग गया था। कई माह तक लग्जरी बस सेवा बंद रही थी।
इस वर्ष भी ब्यास नदी में आई बाढ़ से बिंदु ढाग व रायसन में सड़क का करीब 100 मीटर भाग बह गया था। दोनों स्थानों पर मार्ग को अस्थायी रूप से बहाल किया गया है। एनएचएआई ने इस समस्या के समाधान के लिए देश विदेश के कई विशेषज्ञों के सुझाव मांगे थे।
कंसल्टेंट ने दिए कई सुझाव
एनएचएआई के कंसल्टेंट ने कुल्लू से मनाली तक समस्याग्रस्त क्षेत्रों को लेकर अलग-अलग सुझाव दिए हैं। कंसल्टेंट के सुझावों को समझने के बाद एनएचएआई इसका प्राक्कलन तैयार कर बजट स्वीकृति के लिए मुख्यालय को भेजेगा। कुल्लू से मनाली के बीच कई स्थानों पर नदी व पहाड़ के कारण सड़क को चौड़ा करने की संभावना न के बराबर है।
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