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सावन शिवरात्रि व्रत का इस समय करें पारण, जानें पूजन समय और ध्यान रखने योग्य बातें

शिवरात्रि हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है। पंचांग के अनुसार साल में कुल 12 शिवरात्रि मनाई जाती हैं जिनमें से एक फाल्गुन माह में आती है जिसे महाशिवरात्रि के रूप में जाना जाता है और बाकी प्रतिमाह में एक बार मनाई जाती है। यह दिन शिव पूजन के लिए बहुत खास होता है

  1. सावन शिवरात्रि हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है।
  2. यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है।
  3. साल में कुल 12 शिवरात्रि मनाई जाती हैं।

सावन शिवरात्रि भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है। हालांकि सावन का पूरा महीना हिंदुओं के बीच एक बड़ा धार्मिक महत्व रखता है। इस पवित्र दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। इस साल सावन शिवरात्रि सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी आज 2 अगस्त, 2024 को मनाई जा रही है। इस दिन को लेकर लोगों की काफी सारी मान्यताएं हैं, तो आइए इसकी पूजा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जा

 

पूजन समय

शिवरात्रि पारण समय - 3 अगस्त, 2024 सुबह 05 बजकर 23 मिनट से दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक

रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा का समय - 2 अगस्त, 2024 शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात्रि 09 बजकर 08 मिनट तक

निशिता काल पूजा समय - 2 अगस्त, 2024 रात्रि 11 बजकर 31 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 15 मिनट तक।

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक

भोग - भांग के पकौड़े और ठंडई।

अर्पित करें शिव जी की प्रिय चीजें - बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल।

गलती से भी न चढ़ाएं ये चीजें - केतकी का फूल और हल्दी।

इन बातों का रखें ध्यान

  • इस शुभ त्योहार पर भक्त सख्त उपवास का पालन करें।
  • भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस शुभ दिन पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक अवश्य करें।
  • इस दिन पर भगवान शिव की पूजा के साथ लोग विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां भी करते हैं।
  • इस तिथि पर भगवान शिव से जुड़े विभिन्न मंत्रों जैसे पंचाक्षरी मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए शिव मंदिर अवश्य जाएं।
  • शिवरात्रि का दिन शिव पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है, इसलिए भाव के साथ पूजा-अर्चना करें।
  • इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करें।
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • गलती से भी किसी तामसिक भोजन को ग्रहण न करें।
  • इसके अलावा अभी कांवड़ यात्रा चल रही है, ऐसे में इन शिवभक्तों की मदद करें।

भगवान शिव का पूजन मंत्र

1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

2. ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।

3. शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

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