जब पाकिस्तानियों को धूल चटाकर विजयंत ने फहराया था तिरंगा, पिता ने सुनाई बेटे के अदम्य साहस की कहानी
Kargil Vijay Diwas बलिदानी कैप्टन विजयंत थापर ने जान की परवाह किए बिना दुश्मनों को धूल चटाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत माता की जय के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे जांबाजों में शामिल कैप्टन विजयंत थापर के शरीर में गोली लग गई थी। जिसके बाद वे हमेशा के लिए भारत मां की गोद में सो गए थे। पिता ने जांबाज बेटे के साहस की पूरी क
बलिदानी कैप्टन विजयंत थापर का फाइल फोटो
नोएडा। Kargil Vijay Diwas पाकिस्तानियों को पस्त कर भारतीय सेना एक के बाद एक कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहरा रही थी। इसी क्रम में एक टुकड़ी 28 जून की रात उसके नेतृत्व में नाल पहाड़ी से दुश्मनों को धूल चटाते हुए आगे बढ़ रही थी। सामने से दुश्मन की गोलियों की बौछार जारी थी।
वहीं, जांबाज जवान जान की परवाह किए बिना भारत माता की जय के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। तभी एक गोली उसके शरीर में लग गई। वह हवलदार तिलक सिंह की बाजुओं में गिर सदा के लिए मां भारती की गोद में सो गया।
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