भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव परिणामों में करारा झटका मिला है। उत्तर प्रदेश में भाजपा 33 सीटों पर सिमट गई। हार के कारणों का पता लगाने के लिए भाजपा ने टीम तैयार कर दी है। यूपी की बरेली और आंवला लोकसभा सीट पर भितरघात हुआ या फिर कोई और मुद्दा हार का कारण बना। तमाम सवालों के उत्तर जानने के लिए आलाकमान ने पर्यवेक्षकों को मैदान में उतारा है।
भाजपा में भितरघात या वोटरों को हीं सके साध, तैयार होगी रिपोर
, बरेली। भारतीय जनता पार्टी के जिले की दोनों संसदीय सीटों पर प्रदर्शन की समीक्षा के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। टीमें दोनों लोकसभा सीट पर बुधवार को हर बूथ पर मिले वोटों की समीक्षा करेंगी। पार्टी में कहां भितरघात हुआ, कहां पार्टी कार्यकर्ता वोटरों को नहीं साध पाए, विरोध क्यों रहा आदि कारणों को जानेंगे। लोकसभा निर्वाचन 2024 में जिले की बरेली संसदीय सीट पर भाजपा के प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार 5,67,127 वोट लेकर विजयी हुए।
उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन को 34,804 वोटों से हराया। यहां पार्टी की जीत का अंतर वर्ष 2019 से बहुत कम रहा। उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संतोष गंगवार ने 1,67,282 वोटों से जीत हासिल की थी। पांच वर्ष में भाजपा प्रत्याशी के वोट का आंकड़ा मात्र 1,857 वोट ही बढ़ सका। भोजीपुरा और नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी को सपा से कम वोट मिले। उधर, आंवला में भाजपा प्रत्याशी धर्मेंद्र कश्यप सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी नीरज मौर्य से 15,969 वोटों से हार गए।
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