इस बार खास है करवाचौथ, पांच शुभ संयोग घाेलेंगे दांपत्य जीवन में मिठास; बरेली के ज्योतिषाचार्य ने बताए व्रत के नियम
करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस बार करवा चौथ पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिससे व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
पांच शुभ संयोग में करवाचौथ का व्रत रविवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी में रखा जाएगा। सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत निर्जला रहकर करती हैं। यह व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है।
वराणसी न्यूज़: बाबा विश्वनाथ की रसोई से संस्कृत विद्यालयों व अस्पतालों में जाएगा भोग प्रसाद, PM मोदी करेंगे शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को वाराणसी में 23 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसी दौरान वह श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की ओर से संस्कृत विद्यालयों के बच्चों और अस्पतालों में तीमारदारों के लिए दोपहर के निशुल्क भोजन की व्यवस्था का भी शुभारंभ करेंगे। पहले चरण में 5000 लोगों तक भोजन पहुंचाया जाएगा। मांग अनुसार इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
अहोई अष्टमी 2024: 24 या 25 अक्टूबर, कब है अहोई अष्टमी का पर्व? जानें क्या है सही डेट और शुभ मुहूर्त
अहोई अष्टमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से संतान का जीवन खुशहाल होता है और उसे हर काम में सफलता मिलती है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
करवा चौथ 2024: करवा चौथ पर करें चंद्र चालीसा का पाठ, वैवाहिक जीवन में आएगी खुशहाली
करवा चौथ का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत का पालन करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इसका पालन करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही परिवार में प्यार बढ़ता है।
महाकुंभ 2025: साल 2025 में कब लगने जा रहा है कुंभ, जानें क्यों मनाया जाता है यह महापर्व
ऐसा कहा जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने मात्र से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं और उसे जन्म व मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। इसकी शुरुआत मकर संक्रांति के साथ होती है और इसका समापन महाशिवरात्रि के दिन होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में कुंभ मेला कब लगने जा रहा है।
छोटी देवकली मन्दिर: यहां विराजमान हैं माता सीता की कुलदेवी, दर्शन मात्र से बनते हैं बिगड़े काम
अयोध्या में माता सीता की कुलदेवी का दिव्य मंदिर विराजमान है। ऐसा कहा जाता है कि माता की आराधना और दर्शन मात्र से सभी दुखों का अंत होता है। वहीं अयोध्या के साथ-साथ वहां के आसपास के क्षेत्र के लोगों का देवी पर अटूट विश्वास है जिनका दर्शन करने वे अक्सर आते हैं तो आइए मां से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।
करवा चौथ 2024 date: 20 अक्टूबर को महिलाएं रखेंगी करवा चौथ, 7.40 बजे होगा चंद्र दर्शन
करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है। इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर रविवार को है। चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 40 मिनट है। रविवार की भोर में ही जल ग्रहण कर सौभाग्यवती स्त्रियां व्रत का संधान करेंगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।
पति की दीर्घायु एवं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सौभाग्यवती स्त्रियां कार्तिक कृष्ण चतुर्थी रविवार 20 अक्टूबर को करक चतुर्थी यानी करवा चौथ का व्रत करेंगी। उस दिन मां गौरी संग भालचंद्र गणेशजी की अर्चना कर चंद्रोदय के समय चंद्रदर्शन कर निर्जला व्रत संपन्न करेंगी।
हनुमान पूजा 2024: दिवाली से पहले कब है हनुमान पूजा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं महत्व
सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि रावण को युद्ध में परास्त करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे। भगवान श्रीराम के लौटने की खुशी पर अयोध्या में दीप जलाकर लोगों ने दिवाली मनाई थी। इस दिन भगवान श्रीराम ने अपने परम भक्त हनुमान जी को यह वरदान दिया कि उनकी पूजा पहले की जाएगी। इसके लिए दिवाली से एक दिन पूर्व हनुमान जी की पूजा की जाती है।
बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से रौनक, एक माह बाद शीतकाल के लिए बंद होंगे मंदिर के कपाट
बदरीनाथ धाम में इन दिनों तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। प्रतिदिन 5000 से अधिक श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। आगामी 17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस साल अब तक 11 लाख से अधिक यात्री दर्शन को पहुंच चुके हैं। वहीं आपदा प्रभावित जोशीमठ में यात्री रुकने के लिए दिलचस्पी ले रहे हैं।
गोपेश्वर: बदरीनाथ धाम में इन दिनों तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने से रौनक है। प्रतिदिन पांच हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। इससे यात्रा कारोबार से जुड़े लोगों को भी राहत मिली है।
महाकुंभ: संगम नगरी में खास होगा VVIP रोड कॉरिडोर, 84 स्तंभों से दिखेगा सृष्टि का सार
महाकुंभ के लिए प्रयागराज में बन रहा वीवीआइपी रोड कॉरिडोर आकर्षण का केंद्र होगा। एयरपोर्ट के सामने इस खास सड़क पर 84 स्तंभ स्थापित किए जाएंगे जो सृष्टि के सार को दर्शाएंगे। इन स्तंभों पर शिव के सहस्त्र नाम लिखे जाएंगे। इस कॉरिडोर से एयरपोर्ट और संगम के बीच की दूरी 25 मिनट में तय की जा सकेगी। सरकार इस परियोजना पर 550 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।