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अगर आप भी अपनी बेटी शादी कर रहे हैं या योजना बना रहे हैं और आपके पास बजट की कमी है तो ये खबर आपके लिए ही है। हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ दे रही है। इसके लिए लाभार्थियों को ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। कन्या विवाह शगुन योजना के तहत 71 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

गुरुग्राम। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। अब लाभार्थियों को विवाह के आनलाइन पंजीकरण करवाने के उपरांत ही योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए लाभपात्र विवाहिता की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना अत्यंत आवश्यक

उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने वाले परिवार को अपनी बेटी की शादी के छह महीने पूरे होने से पहले आनलाइन पंजीकरण करवाना होगा।

कन्या विवाह शगुन योजना के तहत 71 हजार रुपये का लाभ 

अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको कन्या विवाह शगुन योजना के अंतर्गत 71 हजार रुपये का लाभ दिया जाएगा।

कन्या विवाह शगुन योजना

वर्ग

आर्थिक मदद

अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार, BPL धारक

71 हजार रुपये

सभी वर्गों की विधवा,बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, एक लाख 80 हजार से कम आय

51 हजार रुपये

सभी वर्गों की विधवाओं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

इनको मिलेगा 31 हजार रुपये का लाभ

बीपीएल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बीपीएल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है, उनको 31 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

विवाहित युगल 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपये और पति-पत्नी में से एक जन 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

आईटी, आईटी इनेबल्ड, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल से लेकर मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में विश्वस्तरीय पहचान बनाने वाली साइबर सिटी गुरुग्राम दिल्ली से सटी हुई है, लेकिन बावजूद एक-दूसरे इलाके में आने और जाने के लिए पहले दस बार सोचना पड़ता है। इसके पीछे मुख्य कारण दोनों इलाकों को एक साथ जोड़ने वाली सभी सड़कों पर भारी ट्रैफिक का होना है।

पीक ऑवर ही नहीं बल्कि 24 घंटे सड़कों पर वाहनों का भारी दबाव है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि थ्री लेयर एलिवेटेड हाईवे विकसित करने पर तत्काल प्रभाव से जोर देना होगा। इसमें जितनी देरी होगी, उतनी ही समस्याएं बढ़ती जाएंगी। वैसे तो दिल्ली-गुरुग्राम को कई सड़कें आपस में जोड़ती हैं, लेकिन इनमें सबसे प्रमुख दिल्ली-जयपुर हाईवे है।