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84 Kosi Parikrama Marg - चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग निर्माण के लिए गोंडा के पांच और गांवों में किसानों से जमीन ली जाएगी। यह मार्ग 42 गांवों से होकर गुजरेगा और 45 मीटर चौड़ा व 275 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 2806 भूखंड शामिल हैं जिसमें अधिकांश कृषि भूमि है। किसानों को मुआवजे के रूप में 440 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।

गोंडा। चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग निर्माण के लिए गोंडा के पांच और गांवों में किसानों से जमीन ली जाएगी। यदि गजट को स्वीकृति मिली तो चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग 42 गांवों से होकर गुजरेगा।

प्रशासन ने पहले गजट में शामिल 37 गांवों में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तेज कर दी है। करीब 4500 किसानों से भूमि अधिग्रहण को लेकर हस्ताक्षर कराए गए हैं। मुआवजे के रूप में सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

परिक्रमा मार्ग का नाम 227 नेशनल हाईवे

अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग का नाम 227 नेशनल हाईवे होगा। यह 45 मीटर चौड़ा व 275 किलोमीटर लंबा होगा। ये मार्ग पांच जिलों बस्ती, गोंडा, अयोध्या, बाराबंकी और अंबेडकरनगर से होकर गुजरता है। 

परिक्रमा पथ एनएच 28, एनएच 27, एनएच 135 ए, एनएच 330 व बीकापुर, इनायतनगर से जुड़ता है। गोंडा में 73 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग बनाया जाएगा। गोंडा जिले में एनएच 227बी के किलोमीटर 160.200 बहुवन मदार माझा से किमी. 224.040 जगरनाथपुर तक सड़क बनेगी। 

इसके लिए कार्यदायी संस्था एनएच लोक निर्माण विभाग अयोध्या को जिम्मेदारी दी गई है। 84 कोसी परिक्रमा पथ में कुल 2806 भूखंड शामिल किए जाने हैं, जिसमें से अधिकांश भूखंड की प्रकृति कृषि भूमि की है। 

वहीं, सरकारी, नवीन परती, नजूल, चकमार्ग व हाईवे आदि भी इस परिक्रमा मार्ग में कवर हो रहे हैं। विभागीय सूत्र के अनुसार पहले गजट में शामिल 37 गांवों के करीब आठ हजार किसानों से 237 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। 

मुआवजे के रूप में 440 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को मिलेगा। 4500 किसानों का डाटा ई-भूमि राशि पोर्टल पर फीड किया गया है। 100 करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेजे गए हैं।

पांच गांवों में और भूमि अधिग्रहण की तैयारी

कार्यदायी संस्था ने चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए पांच और गांवों में भूमि की आवश्यकता जताई है। जैतपुर व बरौली गांव का गजट के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, जबकि अल्लीपुर खांडेराय, अमदही व राजापुर का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

24 दिनों तक चलती है चौरासी कोसी परिक्रमा

प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या की चौदह कोसी, पंचकोसी परिक्रमा के अलावा चैत्र मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि से 24 दिनों तक अनवरत चलने वाली परिक्रमा शुरू होती है। इसमें देश के साधु, संत व गृहस्थ शामिल होते हैं। 

परिक्रमा बस्ती जिला के मुखभूमि मखौड़ा जहां पर त्रेतायुग में राजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ किया था उसी स्थान से शुरू होती है। जो अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी होते हुए वैशाख मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को घाघरा नदी नाव से पार करके गोंडा में प्रवेश करती है। 

बहुअन मदार माझा के दुलारे बाग पहुंच करके परिक्रमार्थी रात्रि विश्राम करते हैं। दुलारे बाग के अलावा जिला के जंबू घाट, गोस्वामी तुलसीदास जन्मभूमि राजापुर, सूकरखेत पसका, बखरिहा, मां वाराही देवी मंदिर, यमदग्नि आश्रम जमथा, पहलवानवीर मंदिर व रेहली प्राथमिक विद्यालय नवाबगंज समेत आठ पड़ाव पड़ता है।

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