न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज हारने के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी की काफी आलोचना हो रही है। उनकी कप्तानी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच भारत की टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रोहित की कप्तानी का बचाव किया है और उन्हें एक बेहतरीन लीडर बताया है। सूर्यकुमार ने कहा है कि खेल में हार-जीत होती रहती हैं।
न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरीज में हारने के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा आलोचकों के निशाने पर हैं। भारत को तीन या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में कभी भी अपने घर में क्लीन स्वीप नहीं होना पड़ा था। लेकिन न्यूजीलैंड ने ये काम कर दिया। इसके बाद से ही रोहित की कप्तानी को कोसा जा रहा है। लेकिन भारत की टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रोहित का समर्थन किया और जो बातें कही हैं उससे हिटमैन के आलोचकों को करार जवाब दिया है।
भारत की टी20 टीम इस समय साउथ अफ्रीका दौरे पर है जहां कल से उसे चार मैचों की सीरीज खेलनी है। टी20 सीरीज का पहला मैच डरबन में शुक्रवार को खेला जाना है। मैच से पहले सूर्यकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया जहां उनसे रोहित की कप्तानी को लेकर सवाल किए गए। सूर्यकुमार ने कहा कि रोहित एक लीडर हैं जिनसे उन्होंने काफी कुछ सीखा है।
क्रिकेट में होता-रहता है
सूर्यकुमार ने कहा कि क्रिकेट में अच्छे-बुरे दिन आते रहते हैं। उन्होंने कहा, "खेल में जीत-हार होती रहती हैं। हर कोई कड़ी मेहनत करता है और जीतना चाहता है। कई बार सफलता मिलती है तो कई बार नहीं मिलती। मैंने ये बात उनसे ही सीखी है। जीवन में संतुलन होना बहुत जरूरी है। मैंने अच्छे या बुरे समय बाद उनके कैरेक्टर को बदलते नहीं देखा है। मैंने उन्हें एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर आगे बढ़ते हुए देखा है।"
सू्र्यकुमार ने कहा, "लीडर ये फैसला करता है कि टीम किस फॉर्मेट में कैसे खेलना चाहती है। कप्तान हमेशा जीतना चाहता है, लेकिन एक लीडर स्टाइल तय करता है कि टीम कैसे खेलेगी।"
रोहित से काफी कुछ सीखा
सूर्यकुमार ने कहा कि उनकी कप्तानी उनकी बल्लेबाजी जितनी एग्रेसिव नहीं है और इसका कारण रोहित का उन पर असर है। सूर्यकुमार ने कहा कि उन्होंने इसमें अपनी स्टाइल का मसाला भी मिलाया है। सूर्यकुमार ने कहा, "मैंने रोहित भाई से काफी कुछ सीखा। मैं उनके साथ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में भी खेला। जब मैं ग्राउंड पर होता हूं तो, मैं उन्हें नोटिस करता हूं कि उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी है, वह किस तरह से दबाव को झेलते हैं। किस तरह से वह शांत रहते हैं।"
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