मध्यप्रदेश के मुरैना के इस्लामपुरा में एक मकान में विस्फोट हो गया। जिससे एक मकान पूरी तरह से जमीन के अंदर धस गया और उसके आसपास के तीन मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। विस्फोट में मकान के मलबे में दो लोगों के दबे होने की आशंका है। पुलिस और नगरनिगम का अमला रेस्क्यू करने में लगा हुआ है।
मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना के इस्लामपुरा में एक मकान में विस्फोट हो गया। जिससे एक मकान पूरी तरह से जमीन के अंदर धस गया और उसके आसपास के तीन मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। विस्फोट में मकान के मलबे में दो लोगों के दबे होने की आशंका है। पुलिस और नगरनिगम का अमला रेस्क्यू करने में लगा हुआ है।
अभी यह भी साफ नहीं हुआ है कि विस्फोट किस वजह से हुआ है। हालांकि मोहल्ले के कुछ लोगों का कहना था सिलेण्डर में विस्फोट हुआ है। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि मकान में पटाखे बनाए जाते थे और उन्हें स्टोर कर रखा हुआ था। उनमें आग लगने से विस्फोट हुआ है।
कई मकान गिरे
मिली जानकारी के मुताबिक, इस्लामपुरा में रहने वाले गजराज राठौर के मकान में शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे विस्फोट हो गया। जिससे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। गजराज के बगल के दोनों घर व पीछे बना घर भी क्षतिग्रस्त हो गया।
क्यों हुआ विस्फोट?
ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि मकान गैस सिलेण्डर में आग लगने से विस्फोट हुआ है तो लोगों का यह भी कहना था कि गजराज सिंह पटाखे बनाने व स्टोर करने का काम करता था। पटाखों में आग लगने की वजह से विस्फोट हुआ। जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
विस्फोट के बाद मकान के मलबे में महिला व एक बच्चे सहित और भी लोगों के दबे होने की आशंका है। पुलिस और नगरनिगम के कर्मचारी मलबे को हटाकर दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि खबर लिखे जाने तक मलबे से किसी को भी निकाला नहीं जा सका था। प्रशासन ने एसडीआरएफ को भी बुलाया है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाया जा सके।
धमाके से कांपा पूरा मोहल्ला
इस्लामपुरा में मकान के धमाका इतना तेज था कि पूरा मोहल्ला कांप गया। लोगाें का कहना था कि धमाका इतना तेज था कि लगा जैसे भूकंप आ गया हो। कई मकानों में धमाके की वजह से दरारें भी आ गई हैं।
पहले भी इस्लामपुरा में हो चुके हैं विस्फोट
पहले भी इस्लामपुरा में आतिशबाजी में विस्फोट होने की कई घटनाएं हो चुकी है। जिसमें आतिशबाजी बनाने वाले लोग न केवल जल गए थे, बल्कि मकान के मलबे में भी दब गए थे। इसके बाद भी इस्लामपुरा में पटाखे बनाने का काम लगातार जारी रहा।
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