आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ एक बार फिर से ईडी ने एक्शन लिया है। शुक्रवार को पटना और दिल्ली में उनके ठिकानों पर छापा मारा गया। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट में की गई है। इससे पहले बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। छापामारी अभी जारी है।
पटना। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और उर्जा विभाग के पूर्व सचिव संजीव हंस के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की दबिश कम होती नहीं दिख रही है।
शुक्रवार को ईडी की एक टीम ने सुबह-सुबह ही आइएएस संजीव हंस के ठिकानों पर एक बार फिर छापा मारा है। संजीव हंस के पटना और दिल्ली के ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की गई है। ईडी की यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट में की गई है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की पहल पर बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। विशेष निगरानी की कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने हंस पर नए सिरे से मनी लांड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था।
सूत्रों की माने तो इसी नई प्राथमिकी को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने आज की अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। छापामारी फिलहाल जारी है।
ईडी ने इससे पहले जुलाई महीने में भी की थी छापामारी
यहां बता दें कि जुलाई महीने में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।
ईडी ने इससे पहले जुलाई महीने में की थी छापामारी
यहां बता दें कि जुलाई महीने में प्रवर्तन निदेशालय की अलग-अलग टीमों ने संजीव हंस और गुलाब यादव के पटना, झंझारपुर समेत 21 स्थानों पर छापा मारा था। इसके बाद पंजाब, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता में भी इसी कड़ी में सर्च किया गया था। इस दौरान 13 किलो चांदी, दो किलो सोने के सिक्के 87 लाख नकद, लाखों रुपये मूल्य की विदेशी घड़ियां समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए थे।
सितंबर के महीने में संजीव हंस और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज की गई थी FIR
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने सितंबर के महीने में भ्रष्टाचार एवं आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। संजीव और गुलाब के अलावा, प्राथमिकी में दर्जनभर अन्य लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया था।
एसवीयू ने यह एक्शन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुशंसा के बाद लिया था। संजीव हंस पर कार्रवाई के लिए एसवीयू ने सरकार से अनुमति मांगी थी। ईडी की अनुशंसा के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और डीजीपी आलोक राज के स्तर पर हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद इन पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी गई।
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