महारास में जिस मुरली की धुन के दीवाने देवता भी हुए थे उसी मुरली को धारण करके शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी आज अपने भक्तों को दर्शन देंगे। उनका शृंगार भी स्वर्ण और रजत के साथ श्वेत पोशाक धारण कराकर किया जाएगा। पूरे वर्ष में शरद पूर्णिमा को ही ठाकुर बांकेबिहारी मुरली धारण करते हैं।
वृंदावन। शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण ने वंशीवट पर ब्रजगोपियों संग महारास किया था। महारास में भगवान की मुरली की धुन से न केवल भूलोक, बल्कि देवलोक में बैठे देवता भी महारास दर्शन करने को उतावले हो गए थे। महारास में जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने पोशाक धारण कर मुरली बजाई, ठीक ऐसा ही वेश रखकर आज भी ठाकुर बांकेबिहारी शरद पूर्णिमा पर भक्तों को दर्शन देते हैं।
शरद पूर्णिमा पर खास होगा शृंगार
शरद पूर्णिमा पर ठाकुरजी श्वेत धवल पोशाक, स्वर्ण-रजत शृंगार कर मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे। वर्ष में एक ही दिन मुरली बजाते ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी। तो श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए मंदिर प्रबंधन ने ठाकुरजी के दर्शन समय में सुबह और शाम एक-एक घंटे के समय में वृद्धि की है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बुधवार को शरदोत्सव पर ठाकुर बांकेबिहारी महारास की मुद्रा में भक्तों को मुरली बजाते हुए दर्शन देंगे। श्वेत धवल पोशाक धारण कर मोर-मुकुट, कटि-काछनी में मुरली बजाते आराध्य की एक झलक पाने को देश दुनिया के भक्त आल्हादित होंगे।
ठाकुरजी चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देंगे
मंदिर सेवायत श्रीहरिदास मंदिर के पीठाधीश्वर आचार्य प्रह्लादवल्लभ गोस्वामी ने बताया ठाकुरजी श्वेतांबर में मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर के जगमोहन में दिव्य सिंहासन पर विराजित होकर ठाकुरजी चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देंगे। ये रहेगा दर्शन समय मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने कहा, शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारीजी साल में एक ही दिन मोर मुकुट, कटि काछनी धारण कर वंशी बजाते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। ऐसे में भक्तों की भीड़ मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ेगी। भक्तों की सहूलियत के लिए मंदिर प्रबंधन ने दर्शन के समय में वृद्धि कर दी है।
आज दर्शन का ये है समय
प्रबंधक के अनुसार, बुधवार की सुबह तय समय 7.45 बजे मंदिर के पट खुलेंगे, दोपहर को एक बजे बंद होंगे। अब तक दोपहर 12 बजे पट बंद होते थे। इसी तरह शाम को तय समय साढ़े पांच बजे दर्शन खुलेंगे। रात 10.30 बजे दर्शन बंद होंगे। ऐसे में सुबह और शाम दोनों समय एक-एक घंटे समय में बढ़ोतरी की गई है।
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