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झारखंड सरकार ने सरहुल और करम पर्व पर एक दिन की छुट्टी को बढ़ाकर दो दिन करने का फैसला किया है। आदिवासी संगठन कई वर्षों से इसकी मांग कर रहे थे। इस फैसले से आदिवासी समाज में खुशी की लहर है। बता दें कि दोनों त्योहारों में पहले दिन व्रत होता है और दूसरे दिन व्रत तोड़ने के बाद धर्मगुरू फुलखोसी करते हैं।

रांची। राज्य सरकार ने सरहुल और करम पर्व पर पहले से निर्धारित एक दिन की छुट्टी को बढ़ाकर दो दिन करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। पिछले कई वर्षों से आदिवासी संगठन इसकी मांग कर रहे थे।

दोनों त्योहारों में पहले दिन व्रत होता है और दूसरे दिन व्रत तोड़ने के बाद धर्मगुरू फुलखोसी करते हैं। इसमें पूजा के दौरान इस्तेमाल किए गए फूलों को घर-घर बांटा जाता है। इसे लोग ईश्वर का आशीर्वाद मानकर चलते हैं। दूसरे दिन भी कई जगहों पर आयोजन होता है।

इस निर्णय के बाद आदिवासी समाज में खुशी की लहर है। धर्मगुरू बंधन तिग्गा ने कहा कि दोनों पर्व के दूसरे दिन आदिवासी समाज सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ खानपान का आयोजन करता है। इसे 'बासी' कहकर बुलाया जाता है। परिवार के लोगों के साथ पूरा समाज इस आयोजन में नाच-गान करता है।

यह बहुत ही खुशी की बात है कि राज्य सरकार ने आदिवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज इस फैसले का स्वागत करेगा।

पुलिस मुख्यालय के वाट्सएप नंबर 8809692001 पर भी कर सकते हैं शिकायत

जन शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर एक वॉट्सएप नंबर 8809692001 जारी किया गया है। इस वाट्सएप नंबर के नोडल अधिकारी एक डीएसपी स्तर के पदाधिकारी होंगे।

नोडल पदाधिकारी उक्त वॉट्सएप नंबर पर आने वाली जन शिकायतों को एक रजिस्टर में अंकित करेंगे। वे प्राप्त शिकायतों को एक निश्चित समय में संबंधित जिला-इकाई को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजेंगे। नोडल पदाधिकारी शिकायतकर्ता को भी वाट्सएप नंबर पर एक निर्धारित अवधि में कृत कार्रवाई रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे। इससे संबंधित आदेश जारी हो गया है।

कैबिनेट की अगली बैठक 14 अक्टूबर को

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की अगली बैठक सोमवार 14 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में होगी। बैठक के लिए सभी मंत्रियों और संबंधित विभागों को सूचित कर दिया गया है। बैठक में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जिन प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाई थी, उनपर चर्चा होगी। ऐसे लगभग एक दर्जन प्रस्ताव हैं।