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नेपाल से भारत में प्रवेश करते समय एक ब्राज़ीलियाई नागरिक को सोनौली सीमा पर गिरफ्तार किया गया। उसके लैपटॉप में पाकिस्तान के लाहौर लोकेशन सर्च का इनपुट मिला है। सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। आरोपित को जेल भेज दिया गया है और उसके भारत आने के उद्देश्यों की जांच की जा रही है। आरोपित के पास भारत में प्रवेश का वीजा नहीं था।

सोनौली। भारत-नेपाल की सोनौली सीमा के फरेंदी तिवारी से मंगलवार को एसएसबी की 66 वीं बटालियन के जवानों ने नेपाल से भारत प्रवेश करते ब्राजील के नागरिक को गिरफ्तार कर लिया था।

आरोपित को बुधवार को पुलिस ने न्यायालय प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। आरोपित के पास मौजूद लैपटॉप में पाकिस्तान के लाहौर लोकेशन सर्च का इनपुट मिला है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं।

ब्राजील के नागरिक की पहचान जोआक्विम दोस संतोषनेटो निवासी मागे स्ट्रीट रुआ रामिरो रीओ डे जेनेरियो ब्राजील के रूप में हुई थी। पकड़ा गया ब्राजील का नागरिक पेशे से वेबसाइट डिजाईनर है। उसके पास एक लैपटॉप भी बरामद हुआ है।

एसएसबी से पूछताछ में उसने बताया कि वह काम की तलाश में टूरिस्ट वीजा पर जर्मनी , दुबई , थाईलैंड , टर्की व चीन भी जा चुका है। 15 अगस्त 2024 को वह टूरिस्ट वीजा पर नेपाल आया था। जहां उसे काम नहीं मिला। फिर वह कुछ लोगों के संपर्क में आया। जिन्होंने उसे भारत के जैसलमेर जाने की सलाह थी।

भारत प्रवेश का वीजा न होने के कारण वह सोनौली मुख्य सीमा के बजाए पगडंडी से भारत प्रवेश कर रहा था। मामले ने खुफिया एजेंसियां वैदेशिक अपराध के पहलू भी तलाश रही हैं। आव्रजन अधिकारियों ने पकड़े गए नागरिक के पास बरामद लैपटॉप से उसके पाकिस्तान के लाहौर लोकेशन सर्च का भी इनपुट खंगाला है।

जिस पर रा, आईबी व अन्य एजेंसियां जांच में जुटी हैं। थानाध्यक्ष अंकित सिंह ने बताया कि ब्राजील निवासी नागरिक को जेल भेज दिया गया है।उसके भारत आने के उद्देश्यों की जांच की जा रही है।

बता दें कि हाल ही में सोनौली सीमा से ही दो चीनी नागरिक घुसपैठ करते हुए पकड़े गए थे। पूछताछ में हैरान करने वाली बात सामने आई थी। चीनी नागरिक खास मकसद से गोरखपुर आ रहे थे। उन्‍होंने गुमराह करने के लिए बताया कि वे खास जड़ी बूटी के लिए आए थे। 

चार सालों में 20 से अध‍िक विदेशी सीमा से गिरफ्तार 

भारत नेपाल की सीमा खुली होने की वज‍ह से घुसपैठ की संभावना अक्‍सर बनी रहती है। बीते चार सालों में अमेरिका, रोमानिया, ब्राजील, रुस और उज्‍बेकिस्‍तान समेत कई देशों के 20 से अध‍िक नागरिक गिरफ्तार हुए हैं। चीनी नागरिक पकड़े जाने पर आसपास के जिलों में भी पुलिस अलर्ट हो गई थी। चीनी नागरिकों के पकड़े जाने वाले केस को एटीएस खुद जांच कर रही है। 

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