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जम्मू-कश्मीर में पहली निर्वाचित सरकार के गठन की तैयारी नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करने से पहले अपना मुख्यमंत्री तय करेगा। मुख्यमंत्री पद के लिए उमर अब्दुल्ला का नाम लगभग तय माना जा रहा है। गठबंधन सरकार में कांग्रेस की स्थिति और अनुच्छेद 370 समेत विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर रणनीति तय करने के लिए दोनों दलों के बीच बैठकें जारी हैं।

श्रीनगर। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन को तैयार नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राजभवन मे जाने से पहले अपना मुख्यमंत्री तय करेगा। मुख्यमंत्री तय करने से पहले नेशनल कान्फ्रेंस अपने विधायकों की गुरुवार को एक बैठक बुला रही है।

इसके बाद नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के नेताओं के बीच बैठक होगी। नयी सरकार संभवत: शनिवार को या फिर सोमवार को शपथ ले सकती है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद करार ने बुधवार को नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से गुपकार स्थित उनके निवास पर मुलाकात कर, गठबंधन सरकार के स्वरूप और एजेंडे पर चर्चा की है। 

ताकि भविष्य में किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर गठबंधन में टकराव की स्थिति पैदा न हो। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव-2024 के हाल ही में घोषित परिणाम में नेशनल कान्फ्रेंस को 42 और कांग्रेस को छह सीटें प्राप्त हुई हैं।

उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री बनना तय

गठबंधन को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। हालांकि, उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है और नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा फारूक अब्दुल्ला भी इसका एलान कर चुके हैं। इसके बावजूद गठबंधन ने औपचारिक रूप से इसका एलान नहीं किया है।

इसके अलावा गठबंधन सरकार में कांग्रेस की स्थिति क्या होगी और गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने के इच्छुक निर्दलियों की स्थिति के अलावा अनुच्छेद 370 समेत विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर बिना किसी टकराव आगे बढ़ने जैसे विषयों पर दोनों के बीच रणनीति को भी तय किया जाना है।

सरकार बनाने का दावा करेंगे पेश

इन्हीं सब विषयों को लेकर आज प्रदेश कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद करा की डा फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से उनके निवास पर मुलाकात हुई है। नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा गठबंधन मजबूत है।

उन्होंने कहा कि हमारे विधायक दल की बैठक गुरूवार केा होने जा रही है। उसके बाद ही गठबंधन की बैठक होगी।गठबंधन में हम लोग मुख्यमंत्री काे तय करेंगे। उसके बाद ही हम राजभवन में सरकार बनाने का दावा पेश करने जाएंगे। इसमें दो तीन दिन का समय लग सकता है।

किस एजेंडे पर काम करेंगे उमर

उन्होंने कहा कि इस जीत का श्रेय हमारे कार्यकर्ताओं और जनता को ही जाता है।अब जनता की उम्मीदों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। गठबंधन सरकार में कांग्रस की स्थिति , मंत्रीमंडल में कौन क्या होगा, जैसे विषयों पर उन्होंने कहा कि यह सब गठबंधन की बैठक में तय हाेगा।

हमारा राजनीतिक एजेंडा स्पष्ट है,लेकिन हमने पहले ही कहा है कि राज्य का दर्जा बहाली हमारी पहली प्राथमिकता है। रोजगार और विकास को गति देना, प्रदेश में सुरक्षा-शांति और विश्वास का वातावरण बनाए रखते हुए सभी के लिए समान अवसर जुटाना हमारी प्राथमिकताओं में एक है। हम प्रयास करेंगे कि यहां दिल्ली जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।

दिल्ली-जेके में बहुत अंतर

उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति में और दिल्ली की स्थिति में बहुत अंतर है। दिल्ली पहले कभी राज्य नहीं था जबकि जम्मू कश्मीर पहले एक राज्य था,जिसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है। इसलिए इसे राजय का दर्जा प्रदान करना जरुरी है। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को इस विषय में अपने वादे को पूरा करना चाहिए। डा फारूक अब्दुल्ला ने अपने निवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें एकजुट रहने का आग्रह किया।

जम्मू-कश्मीर को बनाएंगे विकसित प्रदेश

उन्होंने कहा कि हमें विभाजनकारी ताकतों से सावधान रहते हुए जम्मू कश्मीर को एक विकसित प्रदेश बनाना है। इसे नशा मुक्त बनाना है। यहां बेरोजगारी को दूर करना, नयी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौति है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद करा ने कहा कि हम अपने एजेंडे को लेकर स्पष्ट हैं। जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाना हमारी पहली प्राथमिकता है।

इसके अलावा बेरोजगारी, बिजली संकट, विकास अन्य दूसरे बड़े मुद्दे हैं,जिन पर गठबंधन सरकार को काम करना है। गठबंधन सरकार के स्वरूप संबंधी सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय में जल्द ही आपको पता चल जाएगा।

अनुच्छेद 370 पर क्या बोले उमर 

जल्द ही दोनों दलों के नेताओं की एक बैठक होगी,उसमें सरकार के स्वरूप और सरकार के एजेंडे को लेकर जो भी मुद्दे हैं,तय कर लिए जाएंगे। गठबंधन में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली संबंधी नेशनल कान्फ्रेंस के राजनीतिक एजेंडे संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है।

इस पर हमारा एजेंंडा सभी को पता है। अनुच्छेद 370 समेत जितने भी संवेदनशील राजनीतिक मुद्दे हैं, उन पर कैसे आगे बढ़ना है, यह भी आने वाले समय में तय कर लिया जाएगा