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नवरात्रि 2024 नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की अराधना का महापर्व है। लोग माता के नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा करते हैं।यह पर्व मां भगवती की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में लोग माता के द्वार सजाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। जिसके चलते शहर भर में माता के मंदिरों को खूब सजाया गया था।

जम्मू। नवरात्र में एकाएक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से दर्शन करने पहुंच रहे हैं। आधार शिविर कटड़ा से लेकर मां वैष्णो देवी भवन तक कहीं भी भीड़भाड़ ना हो, इसके लिए श्राइन बोर्ड के अधिकारी पल-पल नजर रख रहे हैं।

दूसरी ओर पुलिस, सीआरपीएफ 06 बटालियन के अधिकारी व जवान, आपदा प्रबंधन दल आदि भी पूरी तरह मुस्तैद हैं। श्रद्धालुओं को निर्देश दिया जा रहा है कि वे कहीं भी भीड़भाड़ ना करें।

मंदिरों को खूब सजाया गया

बता दें कि नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की अराधना का महापर्व है। लोग माता के नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा करते हैं।यह पर्व मां भगवती की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में लोग माता के द्वार सजाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। जिसके चलते शहर भर में माता के मंदिरों को खूब सजाया गया था। इतना ही नहीं लोगों ने घरों में माता के पूजा स्थलों को ऐसा सजाया कि अपने दिल से निकल ही जाता है। बड़ा प्यारा सजा है तेरा द्वार मां...।

कुछ पल माता के चरणों में बिताया जाए

बावे वाी माता का मंदिर हो या माता काल कंडोी का मंदिर। हर एक मंदिर को श्रद्धालु, मंदिर प्रबंधन ने इतने अच्दे तरीके से सजाया है कि मन होता है कुछ पल तो माता के मंदिर में माता के चरणों में बिताए जाए। माता वैष्णों देवी का दरबार की सजावट के दो दुनिया भर में चर्चे रहते ही हैं। दूसरे मंदिरों की सजावट में भी कोई कसर नहीं रहती।

बावे वाी माता मंदिर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। परिसर को रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया है। बावे वाी माता के मुख्य पुजारी महंत बिट्टा ने बताया कि जो नवरात्र जिस माता का होता है और जिस माता को जो पूल प्रिय होता है। कोशिश रहती है कि उन्हीं फूलों से माता के मंदिर को सजाया जाए। हर दिन फूल बदले जाते हैं।

नवरात्र का विशेष महत्व

शारदीय नवरात्र का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है और मंदिरों की सजावट में भी श्रद्धालु कोई कसर नहीं छोड़ते। यह पर्व हिंदू संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। जहां माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पूरे देश में यह त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसका उत्साह पहले नवरात्र से ही दिखने लगा है।

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