बिहार में इन दिनों बाढ़ से तबाही का खतरनाक मंजर देखने को मिल रहा है। नदियों में उफान से 6 तटबंध और एक सुरक्षा बांध ध्वस्त हो गए हैं। बगहा शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जोगबनी में ट्रैक पर पानी चढ़ गया है जिसकी वजह से छह घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा।
पटना। नेपाल में लगातार वर्षा से बिहार में नदियों ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। दरभंगा जिले के किरतपुर प्रखंड के भुभोल गांव के समीप कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध करीब 10 मीटर की दूरी में रविवार की देर रात टूट गया
पश्चिमी तटबंध पर करीब आठ नौ किलोमीटर में तीन से चार फीट पानी बह रहा है। जिलाधिकारी राजीव रोशन ने बताया कि किरतपुर के आठ पंचायत के लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए माइकिंग की गई है। इस पानी से कुशेश्वरस्थान, घनश्याम पुर, गोडाबोराम का इलाका प्रभावित होगा।
इसके अलावा, उत्तर बिहार में रविवार को छह अन्य तटबंध भी टूट गए। इनमें सीतामढ़ी के तीन, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और शिवहर में एक-एक शामिल हैं। पश्चिम चंपारण में एक सुरक्षा बांध भी ध्वस्त हो गया।
सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जबकि हजारों एकड़ में लगी फसल डूब गई है। लाखों की आबादी प्रभावित है और हजारों की संख्या में लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन कर रहे हैं। वाल्मीकिनगर बराज से 3.61 लाख व मधुबनी में कोसी बराज से 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
जोगबनी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पानी लगने से छह घंटे ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। इस बीच पूर्व बिहार, कोसी व सीमांचल में रविवार को पांच लोग डूब गए। विदित हो कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए 20 जिलों में अलर्ट जारी है। दरभंगा में कोसी बांध में कई जगह रिसाव हो रहा है
सीतामढ़ी शहर तक पहुंचा पानी
बगहा शहर में पानी घुस गया है, वहीं सीतामढ़ी शहर क पानी पहुंच गया है। सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड के मधकौल में बागमती का तटबंध 80 फीट में टूट गया है। इससे करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है। बेलसंड में बागमती का बायां तटबंध रात करीब साढ़े आठ बजे टूट गया। यहां सुबह से ही रिसाव हो रहा था।
इसी जिले में बागमती का दाहिना तटबंध बलुआ पंचायत के खरौउवा गांव के समीप रात नौ बजे टूट गया। बागमती परियोजना के सहायक अभियंता का कहना है कि 12 साल बाद इतना पानी बागमती में आया है।
पश्चिम चंपारण के बगहा-एक प्रखंड में रजवटिया-रतवल बांध गंडक के पानी के दबाव में खैरटवा गांव के पास टूट गया। इससे करीब 30 हजार की आबादी प्रभावित है। सिकटा प्रखंड के बलरामपुर में ओरिया नदी का सुरक्षा बांध ध्वस्त हो गया।
शिवहर में छह हजार से अधिक आबादी प्रभावित
वहीं, शिवहर में रविवार की रात तरियानी छपरा स्थित बागमती का तटबंध मध्य विद्यालय के पास 20 फीट में टूट गया। तरियानी प्रखंड में तीन जगहों पर तथा इसके अलावा बेलवा में सुरक्षा तटबंध में रिसाव हो रहा है। जिले में 20 गांवों में छह हजार से अधिक आबादी प्रभावित हो गई है।
यहां बागमती के कहर से 25 हजार एकड़ फसल डूब गई है। पूर्वी चंपारण की फुलवार उत्तरी पंचायत में दुधौरा नदी का दायां तटबंध करीब 15 फीट में टूट गया है। वहीं, जिले के घोड़ासहन प्रखंड टेका पुल के पास बना डायवर्सन ध्वस्त हो गया।
बगहा में 40 गांवों की 30 हजार आबादी प्रभावित है, 10 हजार एकड़ में फसल डूब गई है। मधुबनी में 25 गांव में पानी फैल गया है। यहां लगभग 1.5 लाख आबादी प्रभावित है। करीब 15 हजार एकड़ में फसल डूब गई है। दरभंगा में 100 से अधिक गांवों में एक लाख से अधिक आबादी प्रभावित है।
बेतिया में करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित
बेतिया में करीब 50 हजार की आबादी प्रभावित है। करीब 20 हजार एकड़ की फसल प्रभावित है। पूर्वी चंपारण में बाढ़ का आंशिक प्रभाव है। गंडक बराज से तीन बजे तक तीन लाख, 61 हजार 400 क्यूसेक, जबकि कोसी बराज से सुबह 10 बजे 6.68 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
इधर, मधुबनी में कमला बलान खतरे के निशान से दो मीटर 22 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। शिवहर में बागमती लाल निशान से 2.12 मीटर और दरभंगा में कमला खतरे के निशान से दो मीटर 52.2 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। पश्चिम चंपारण के गंडक खतरे के निशान से 88.79 मीटर पार कर 90.10 मीटर पर बह रही है।
पटना में गांधीघाट पर गंगा रविवार की शाम खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है। इधर, भागलपुर को कहलगांव से जोड़ने वाले पुल का एप्रोच स्लैब बाढ़ के पानी के दबाव के कारण रविवार को तीन सेंटीमीटर धंस गया। इससे पुल और स्लैब के बीच दरार हो गई है।
यह पुल पकड़तल्ला के समीप एनएच 80 पर कुआ नदी पर बना है। यह बिहार को झारखंड से जोड़ता है। हालांकि, अभी इससे होकर आवागमन पर रोक नहीं लगाई गई है। वहीं, अररिया जिले में बकरा नदी पर बना बांध ककोड़वा और डेहटी मीरभाग में करीब 60 फीट टूट गया है।
बांका में भी बाढ़ से तबाही
वहीं, बांका जिले में रामचुआ नहर के दो फीट टूटने से 50 एकड़ खेत में धान की फसल डूब गई। सुपौल स्थित कोसी बराज पर रविवार की रात आठ बजे 3,31,385 क्यूसेक जलस्राव रिकॉर्ड किया गया गया। जिले के सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कुसहा गांव में सुरक्षा बांध टूटने से 600 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।
सहरसा जिले के नवहट्टा और महिषी प्रखंड में तटबंध के अंदर ग्रामीण कार्य विभाग की 50 से अधिक सड़कों का अस्तित्व कोसी ने मिटा दिया है। इस इलाके में शायद ही कोई ऐसी सड़क बची है, जिस पर पांच फुट पानी नहीं बह रहा है। कोसी बराज के सभी 56 गेट खुले हुए हैं।
खगड़िया में कोसी और बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के अलावा मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के निचले इलाके के 20 गांवों में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया है।
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