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हर माह की त्रयोदशी तिथि पर भक्तों द्वारा शिव जी के निमित्त प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसा माना जाता है इस तिथि पर श्रद्धापूर्वक व्रत आदि करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इस दिन आप महादेव की पूजा के दौरान शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कर शुभ फलों की प्राप्ति भी कर सकते हैं।

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद खास माना गया है। इस दिन श्रद्धापूर्वक शिव जी की पूजा-अर्चना और व्रत करने से साधक की मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ऐसे में आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत रविवार, 29 सितंबर को किया जाएगा। यह प्रदोष व्रत पितृ पक्ष की अवधि में पड़ रहा है, ऐसे में आप इस दिन कुछ उपाय कर महादेव के साथ-साथ पितरों की भी कृपा प्राप्त कर सकते हैं

जरूर करें ये उपाय

रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होने के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें और पूजा पूर्ण होने के बाद माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद शिवलिंग पर जल, तिल और शमी के पत्ते अर्पित करें और शिव चालीसा का पाठ भी करें। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए एक अच्छा उपाय माना गया है।

शिव जी होंगे प्रसन्

प्रदोष व्रत के दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें। साथ ही इस दिन शिवलिंग पर केसर और शक्कर भी अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होते हैं, जिससे साधक को धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।

करें इन चीजें का दान

रवि प्रदोष व्रत के दिन सफेद रंग की चीजों जैसे सफेद वस्त्र, दूध, दही और चावल आदि का दान करना चाहिए। इससे शिव जी के साथ-साथ साधक को पितरों की भी कृपा की प्राप्ति हो सकती है। इसी के साथ प्रदोष व्रत के दिन आप गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, खाना, फल आदि दान भी कर सकते हैं।

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