Agra News धर्मेश के पुलिस पर सवाल के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मौका मिल गया। भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए एक्स पर पोस्ट की और सरकार पर करारे हमले किए। बता दें कि आगरा से बीजेपी विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने कहा था कमिश्नरेट नहीं कमीशन की रेट। आगरा में पुलिस भूमाफिया से मिली है और हर काम का रेट फिक्स है।
आगरा। भाजपा विधायक डा. जीएस धर्मेश द्वारा अपनी ही सरकार में आगरा कमिश्नरेट पुलिस पर उठाए गए सवालों ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदेश सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया। अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए तंज कसा कि भाजपा राज में कमिश्नरेट दरअसल करेप्शनरेट बन गए हैं।
भाजपा विधायक डा. जीएस धर्मेश ने सोमवार को आगरा कमिश्नरेट पुलिस पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है और भूमाफिया को संरक्षण दे रही है। इससे प्रदेश सरकार की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कमिश्नरेट को कमीशन की रेट तक कहा था। उन्होंने साक्ष्यों के साथ शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही थी।
विपक्षी दलों को दिया मौका
विधायक के आरोपों की जांच एसीपी छत्ता कर रहे हैं। अपनी ही सरकार में भाजपा विधायक द्वारा उठाए गए सवालों ने विपक्ष को मुद्दा थमा दिया है। विपक्षी दलों के स्थानीय नेताओं ने तो सोमवार को ही भाजपा विधायक द्वारा जताए गए आरोपों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।
अखिलेश यादव हुए हमलावर
अखिलेश यादव की पोस्ट अखिलेश यादव ने लिखा है कि भाजपा राज में कमिश्नरेट दरअसल करेप्शनरेट बन गए हैं। कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है। मुख्यमंत्री कम से कम अब अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए, क्योंकि अब आपके ही विधायक कमिश्नरेट को कमीशन-रेट की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं। इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफआईआर लिखवाएंगे या बुलडोजर का डर दिखाएंगे? पुलिस अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई कर उन्हें सजा दिलाने के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेंडे के लिए काम कर रही है।
निर्दाेषाें को फंसाने का खेल
अखिलेश ने लिखा, तमाम समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए सरकार के इशारे पर निर्दोषों को झूठे मुकदमों में फंसाने व फर्जी एनकाउंटर का खेल चल रहा है। याद रहे कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं। किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है। चरम पर भ्रष्टाचार, बजट की लूट और बढ़ते अपराधों से प्रदेश की छवि खराब हो रही है। पुलिस-प्रशासन मनमानी पर उतारू है। भाजपा के नेता, पदाधिकारी, विधायक स्वयं स्वीकार करते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है।
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