उत्तराखंड में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है। सितंबर से नवंबर के बीच दाल सब्जियों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार उछाल आया है। निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का तो महंगाई की मार ने दम ही निकाल दिया है। जानिए कैसे बढ़ती महंगाई ने लोगों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित किया है और सरकार इस पर क्या कदम उठा रही है।
अल्मोड़ा। महंगाई का असर अब सीधा घर के बजट पर पड़ने लगा है। सितंबर से नवंबर के बीच दाल, सब्जियों सहित खाद्य पदार्थाें की कीमतों में लगातार उछाल आया है। निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का तो महंगाई की मार ने दम ही निकाल दिया है। बाजार में दालों के साथ पैकेट वाले सामानों की बिक्री भी कम होने लगी है।
महंगाई का असर अब रोजमर्रा की चीजों में भी दिखाई दे रहा है। महंगाई ने पहले दीपावली पर्व को फीका किया। धीरे-धीरे इसका असर उसके दैनिक जीवन में भी दिखाई देने लगा है। दाल-सब्जी खाने वाले अब एक समय में या तो दाल खा रहे है या सब्जी ही खा रहे हैं।
यही हाल सब्जियों का
आम लोग इसे सीधे सरकार की नाकामी मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिन और भयानक हो सकते हैं। जल्द सरकार को इस बढ़ी हुई कीमतों पर लगाम लगानी के लिए मजबूत नीति बनानी होगी। यही हाल सब्जियों का भी है
पहले ही राशन का बजट मुश्किल से संभलता था। अब हर चीज़ के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसा लंबे समय तक चला तो दिक्कतें बढ़ेंगी। - मिनाक्षी, पांडेखोला
महंगाई की मार है सब्जी और दालों की बढ़ती कीमतों ने रसोई का बजट और खराब कर दिया है। सरकार को इस बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने होंगे। - दीपा नयाल, बख्शीखोला
महंगाई ने पहले त्योहार फीका किया अब दैनिक जीवन में भी इसका असर पड़ रहा है। रोजमर्रा का गुजारा भी मुश्किल होते जा रहा है। - चंद्रा रावत, नरसिंह बाड़ी
हर महीने महंगाई बढ़ती जा रही है। पहले से ही गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान थे। अब साधारण भोजन भी महंगा हो गया है। आमदनी कुछ बढ़ नहीं रही। - दीपा साह, बाड़ी बगीचा
- दालें, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर
- चना, 90, 95, 100
- उड़द 120, 120, 125
- मूंग 120, 120, 130
- अरहर 170, 175, 180
- मलका, 85, 90, 90
- आटा, 33, 35, 40
- तेल, सरसों, 165, 180 प्रति ली.
- तेल, रिफाइंड, 130, 140
- सब्जी, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर
- आलू 30, 40, 50
- प्याज 60, 65, 70
- टमाटर 80, 100, 60
- लौकी 30, 30, 40
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