महाराष्ट्र चुनाव के बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की जुबानी जंग में खरगे के बेटे प्रियांक भी कूद गए हैं। उन्होंने सीएम योगी के घर जलाने वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि खरगे जी का घर रजाकारों ने जलाया था पूरे मुस्लिम समुदाय ने नहीं। साथ ही प्रियांक ने और भी कई आरोप योगी पर लगाए।
चुनावी अभियान के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बचपन में घर जलाए जाने की घटना का जिक्र करके देश की सियासत गरमा दी थी। अब आदित्यनाथ के बयान पर मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने जवाब दिया है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के अमरावती में हाल में एक रैली में कहा था कि आजकल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अनावश्यक रूप से मेरे ऊपर लाल-पीले हो रहे हैं, गुस्से में हैं। खरगे जी मेरे ऊपर गुस्सा मत करिए, मैं तो आपकी उम्र का सम्मान करता हूं। आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निज़ाम पर करिए, जिसके निजाम के रजाकारों ने आपके गांव को जलाया था। हिंदुओं की निर्मम हत्या की थी। आपकी पूज्य माता को, बहन को, आपके परिवार के सदस्यों को जलाया था। इस सच्चाई को देश के सामने रखिए कि जब भी बटेंगे तो इसी प्रकार से निर्ममता से कटेंगे।
प्रियांक खरगे ने दिया जवाब
योगी के बयान पर पलटवार करते हुए प्रियांक खरगे ने कहा कि हां रजाकारों ने उनका घर जलाया था, पूरे मुस्लिम समुदाय ने नहीं और खरगे जी ने कभी भी इस त्रासदी को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं किया। प्रियांक ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'हां, योगी आदित्यनाथ जी, 1948 में रजाकारों ने श्री खरगे जी के घर को जला दिया, जिसमें उनकी मां और बहन की जान चली गई। हालांकि वे बाल-बाल बच गए और 9 बार विधायक, दो बार लोकसभा और राज्यसभा सांसद, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा के नेता, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष बने। इस त्रासदी के बावजूद, उन्होंने कभी भी इसका राजनीतिक लाभ नहीं उठाया, कभी पीड़ित कार्ड नहीं खेला और कभी भी घृणा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।'
प्रियांक खरगे ने आगे लिखा, 'यह काम रजाकारों ने किया था - पूरे मुस्लिम समुदाय ने नहीं। हर समुदाय में बुरे लोग और गलत करने वाले लोग होते हैं। तो मुझे बताइए सीएम साहब, आपकी विचारधारा खरगे जी को समान रूप से देखने में विफल रही, यह इंसानों के बीच भेदभाव करती है। क्या इससे आप सभी बुरे हो जाते हैं या जो लोग ऐसा कर रहे हैं? उन्हें अछूत या दलित किसने कहा? भेदभावपूर्ण विचारधारा का अस्तित्व किसी समुदाय के सभी लोगों को गलत नहीं बनाता है। क्या ऐसा है?'
'उपलब्धियों के आधार पर चुनाव जीतने की कोशिश करें'
उन्होंने कहा, '82 साल की उम्र में भी खरगे जी बुद्ध-बसवन्ना-अंबेडकर के मूल्यों को बनाए रखने और संविधान को उस अत्याचार और नफरत से बचाने के लिए अथक संघर्ष कर रहे हैं, जिसे आप फैलाना चाहते हैं और वे इस लड़ाई को अडिग विश्वास के साथ जारी रखेंगे। तो योगी जी, अपनी नफरत कहीं और ले जाइए। आप उनके सिद्धांतों या उनकी विचारधारा को कुचल नहीं सकते। राजनीतिक लाभ के लिए समाज में नफरत के बीज बोने की कोशिश करने के बजाय पीएम मोदी जी की उपलब्धियों के आधार पर चुनाव जीतने की कोशिश करें।'
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