झारखंड मुक्ति मोर्चा ने छह और उम्मीदवारों की सूची जारी की जिनमें रांची से महुआ माजी खूंटी से स्नेहलता कंडुलना और अन्य शामिल हैं। अब तक 41 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। सरायकेला और जामा सीटों पर अभी भी प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है। पार्टी मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि सीता सोरेन और चंपई सोरेन का काट कौन होगा?
रांची। दो दिन पहले 35 प्रत्याशियों की घोषणा करने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बुधवार को छह और उम्मीदवारों की सूची जारी की है।
पार्टी ने रांची से महुआ माजी, खूंटी से स्नेहलता कंडुलना, गोमिया से योगेंद्र प्रसाद, चक्रधरपुर से सुखराम उरांव, सिसई से जिगा सुसारण ह़ोरो और बिशुनपुर से चमरा लिंडा पार्टी को उम्मीदवार बनाया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि अन्य विधानसभा क्षेत्र के अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जल्द ही जारी की जाएगी। झामुमो ने अबतक 41 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं, जबकि राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सरायकेला और जामा सीट से प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी है।
सरायकेला सीट से चंपई सोरेन लड़ते रहे हैं चुनाव
सरायकेला सीट से चंपई सोरेन पूर्व में झामुमो की ओर से चुनाव लड़ते रहे हैं। उनके भाजपा में जाने के बाद इस सीट पर झामुमो ने कद्दावर प्रत्याशी को उतारने को तैयारी में है, जो उन्हें चुनाव में टक्कर दे सके।
इस कड़ी में भाजपा से गणेश महली और बास्को बेसरा का झामुमो में प्रवेश हो चुका है। दोनों में से एक को पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है। संताल परगना की जामा सीट पर भी पार्टी ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इस सीट पर सीता सोरेन झामुमो के प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करती रहीं
मजबूत प्रत्याशी की चल रही तलाश
उनके भाजपा में जाने के बाद यहां से मजबूत प्रत्याशी की तलाश चल रही है। भाजपा की लुईस मरांडी को पार्टी यहां से प्रत्याशी बना सकती है। फिलहाल झामुमो स्थानीय नेताओं से विमर्श पूरा करने के बाद प्रत्याशी की घोषणा करने के पक्ष में है। लोकसभा चुनाव के दौरान बगावत करने वाले चमरा लिंडा को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
चमरा ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर लोकसभा चुनाव में लोहरदगा से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। उन्हें दल ने निलंबित कर दिया था। कुछ दिन पूर्व हेमंत सोरेन ने उन्हें बुलाकर फिर से जिम्मेदारी सौंपी।
टिकट नहीं मिलने के बाद लिट्टीपाड़ा के झामुमो विधायक के बगावती तेवर
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में भी टिकट से वंचित रहे नेताओं का गुस्सा सामने आने लगा है। बुधवार को लिट्टीपाड़ा के विधायक दिनेश विलियम मरांडी ने अपने रोष का इजहार किया। मरांडी ने कहा कि बगैर किसी गलत के उनका टिकट काटकर बाहरी व्यक्ति को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।
वे इसका खुलकर विरोध करेंगे और चुनाव में भी उतरेंगे। दिनेश ने कहा कि उनके पिता साइमन मरांडी झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को लेकर पहली बार दुमका आए थे। उन्हें राजनीति में स्थापित करने में मदद की। उन्होंने हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन को अपना अभिभावक माना।
सवाल उठाया कि यह बताना होगा कि उनका गुनाह क्या है? उन्होंने इस फैसले को झामुमो के लिए विनाशकारी बताते हुए यह भी कहा कि चापलूस लोगों के कहने पर हेमंत सोरेन निर्णय ले रहे हैं। एक झटके में उन्होंने 50 साल के संबंध को तोड़ दिया। उन्हें सीएम बनाने के लिए उनके पिता ने संघर्ष किया।
वे अपने परिवार के लोगों को टिकट दे रहे हैं, लेकिन मुझे छांट दिया। झामुमो के घोषित प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू ने इन्हें गाली दी। ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए। दावा किया कि संताल परगना में झामुमो समाप्त हो जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा पर एक गिरोह हावी है। हेमंत सोरेन को जवाब देना होगा।
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