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सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका दायर की गई। वकील गोपाल शंकरनारायण ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन का उल्लेख किया जिस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले को सूचीबद्ध करेगी। कॉलेज शिक्षक जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दायर याचिका दायर की गई।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज (17 अक्टूबर)  जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की समयसीमा तय करने का अनुरोध से जुड़ी याचिका दायर की गई है। वकील गोपाल शंकरनारायण ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन का उल्लेख किया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले को सूचीबद्ध करेगी।

वकील गोपाल शंकरनारायण ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन का उल्लेख किया, जिस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह मामले को सूचीबद्ध करेगी।

याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द समयबद्ध तरीके से बहाल करने के लिए उचित निर्देश पारित किए जाए।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस, जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने इस मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

केंद्र सरकार ने नहीं उठाया कोई कदम: याचिकाकर्ता 

कॉलेज शिक्षक जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दायर याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया,"सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, केंद्र सरकार ने पिछले दस महीनों में इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया था कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे। राज्य का दर्जा भी बहाल होगा। अब शांतिपूर्वक चुनाव हो चुके हैं, इसलिए कोर्ट केंद्र को निर्देश दे कि वह 2 महीने में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि जम्मू कश्मीर में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराए जाएं। 

साल 2019 में जम्मू-कश्मीर बना था केंद्र शासित प्रदेश 

बताते चलें कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 और धारा 35ए को खत्म किया। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के जरिए राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा गया था। जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य का दर्जा खोकर केंद्र शासित प्रदेश बन गया। हालांकि, जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले सभी भाजपा समेत सभी दलों ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलवाया जाएगा।

समझें फिर से कैसे बहाल हो सकेगा पूर्ण राज्य का दर्जा 

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन करना होगा। लोकसभा और राज्यसभा में भी इसे पास कराना होगा और राष्ट्रपति के पास से अंतिम मुहर लगवानी होगी। इसके बाद ही आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल पाएगा।

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