दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब यूनिवर्सिटी यहां के तीन कॉलेज में विदेशी भाषा के कोर्स शुरू करने जा रही है। इसके शुरू होने से इस कोर्स में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को करियर बनाने के लिए बेहतरीन आॉप्शन चुनने का मौका मिलेगा। इस लेख के माध्यम से पढ़िए कि वह कौन- कौन से कॉलेज हैं जहां पर कोर्स होगा।
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन कॉलेज पूर्वी एशियाई भाषाओं में एडवांस डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने जा रहे हैं। रामजस कालेज, हंसराज कालेज और राम लाल आनंद कालेज ने नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद को एक नीति प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
इस प्रस्ताव को 10 अक्टूबर को प्रस्तावित अकादमिक परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस पर मुहर लगाई जाएगी। प्रस्ताव के अनुसार, रामजस कॉलेज कोरियाई (केपी-3) में एक एडवांस डिप्लोमा की पेशकश करेगा, जबकि हंसराज कॉलेज चीनी (सीपी-1) में एक सर्टिफिकेट कोर्स, इसके साथ कोरियाई (केपी-2) और जापानी (जेपी-2) में डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगा।
राम लाल कॉलेज देगा चीनी और जापानी भाषा में डिग्री
वहीं राम लाल आनंद कॉलेज चीनी (सीपी-3) और जापानी (जेपी-3) में एडवांस डिप्लोमा प्रदान करेगा। यह पाठ्यक्रम पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के तहत इन कॉलेजों के जरिये उपलब्ध होंगे। इन डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को शुरू करने का निर्णय सात अगस्त को सामाजिक विज्ञान संकाय की बैठक लिया गया है।
रामजस कॉलेज के प्राचार्य ने कही ये बात
अकादमिक परिषद में कहा गया है कि सामाजिक विज्ञान संकाय ने पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग के तहत रामजस कॉलेज हंसराज कॉलेज और राम लाल कॉलेज में पूर्वी एशियाई भाषा पाठ्यक्रम शुरू करने की सिफारिश की है। रामजस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अजय अरोड़ा ने कहा कि उनके यहां 2004 से भाषा के विशेष अध्ययन केंद्र संचालित हो रहा है।
इनको सीखने के बाद करियर के मिलेंगे बेहतरीन विकल्प
इसमें एडवासं डिप्लोमा कोरियाई भाषा में शुरू कर रहे हैं। भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई जा रही हैं और विदेशी भाषाओं को भी पढ़ाया जा रहा है। इन विदेशी भाषाओं को सीखने के बाद विद्यार्थियों के सामने करियर के बेहतरीन विकल्प मौजूद रहेंगे।
वह संबंधित कोर्स करने के बाद उन देशों में भी आसानी से नौकरी हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही संबंधित देशों की मल्टीनेशनल कंपनियों में भी नौकरी हािसल कर सकते हैं। डीयू में संचालित क्लस्टर कार्यक्रम के तहत कोई भी छात्र किसी भी कॉलेज में संचालित भाषा का अध्ययन करके अपना भविष्य संवार सकता है।
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