हाथरास के सिकंदराराऊ में दो जुलाई को सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गिरफ्तार 11 आरोपितों के खिलाफ 3200 पेज की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई है। इनमें से एक महिला मंजू देवी को हाईकोर्ट से जमानत हो चुकी है। सूरजपाल का नाम पुलिस ने विवेचना में शामिल नहीं किया है।
हाथरस। दो जुलाई को सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने मंगलवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। इस मामले में गिरफ्तार 11 आरोपितों के खिलाफ 3200 पेज की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई है। इनमें से एक महिला मंजू देवी को हाईकोर्ट से जमानत हो चुकी है। शेष 10 आरोपित अलीगढ़ कारागार में है। इस मामले में विवेचना अभी जारी है। 71 लोगों के खिलाफ पुलिस जांच कर रही है। इनमें से ज्यादातर वह लोग हैं, जिनके नाम घटनास्थल पर लगे आयोजन समिति के बोर्ड में दर्ज थे। हालांकि, सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का नाम पुलिस ने विवेचना में शामिल नहीं किया है।
सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में हादसा हुआ था। तब पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडे की ओर से मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर व अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय सहिता की धारा 105, 110, 126 (2), 223, 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसमें 80 हजार लोगों की अनुमति लेने और दो लाख से अधिक भीड़ आने, चरण रज लेने व दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ को सेवादारों द्वारा भीड़ रोकने, धक्का-मुक्की करने के चलते हादसा होने व साक्ष्य छिपाने का आरोप था।
देवप्रकाश मधुकर समेत कुल 11 सेवादार और आयोजकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बाद में विवेचना अधिकारी और सीओ रामप्रवेश राय के प्रार्थनापत्र पर आरोपितों पर धारा 132/121 (1) बीएनएस और 7 सीएलए की वृद्धि कर दी गई है। मंगलवार को पुलिस ने सभी 11 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। पुलिस की जांच अभी जारी है। जांच के दायरे में 71 लोग हैं। इनमें ज्यादातर आयोजन समिति से जुड़े हुए हैं। कुछ अन्य लोग भी हैं जिनके नाम प्रकाश में आए हैं।
सूरजपाल को आरोपी नहीं मान रही पुलिस
पुलिस के आरोप पत्र में वही 11 लोग हैं जो घटना के बाद गिरफ्तार किए गए थे। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि के नाम पर सब मौन हैं। इतनी बड़ी घटना के बाद सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्षी दल, सब सूरजपाल के नाम पर शांत रहे। यह चुप्पी आज तक नहीं टूटी। पुलिस ने भी उन्हें आरेापित नहीं माना है। जांच के दायरे में उनका नाम नहीं लिया गया है। उनके अनुयायियों पर पुलिस शिकंजा कस रही है।
अधिवक्ता बता रहे साजिश
सूरजपाल की तरफ से उनके अधिवक्ता डा. एपी सिंह लगातार पैरवी कर रहे हैं। वह मीडिया के सामने आ रहे हैं। वह इस घटना के पीछे साजिश का दावा कर रहे हैं। उनका आरोप है कि 10-15 नौजवान भीड़ में घुस आए थे, उन्होंने जहरीला स्प्रे से छिड़काव किया जिसके चलते आयोजन में भगदड़ मची। साजिशकर्ता एटा की तरफ गाड़ियों में सवार होकर भाग गए।
इन आरोपियों के खिलाफ दाखिल हुआ आरोपपत्र
1- देवप्रकाश मधुकर, सलेमपुर, गादरी, अवागढ़, एटा, हाल निवासी मोहल्ला दमदपुरा नई कालोनी, सिकंदराराऊ, हाथरस
2. उपेंद्र यादव, बाइपास एटा रोड शिकोहाबाद, फिरोजाबाद
3. मेघसिंह, मोहल्ला दमदपुरा, सिकंदराराऊ, हाथरस
4. मंजू यादव, कचौरा, सिकंदराराऊ, हाथरस,
5. मुकेश कुमार, न्यू कालोनी दमदपुरा, सिकंदराराऊ, हाथरस
6. मंजू देवी, कचौरा, सिकंदराराऊ, हाथरस
7- राम लड़ैते यादव, भानपुरा, मैनपुरी
8- रामप्रकाश शाक्य, खांकेताल, बेवर, मैनपुरी
9- संजू यादव, गोपालपुर, सिकंदराराऊ, हाथरस
10- दुरवेश कुमार, शिवनगर कालोनी, बेवर, मैनपुरी
11- दलवीर पाल, किनशनपुरगढ़िया, मैनपुरी
इन धाराओं में दाखिल की गई चार्जशीट
धारा 105- गैरइरादतन हत्या - पांच वर्ष से आजीवन कारावास।
धारा 110- गैर-इरादतन हत्या का प्रयास- तीन वर्ष से सात वर्ष कारावास।
धारा 126(2)- गलत तरीके से रोकने के लिए। एक महीने तक की अवधि के लिए साधारण कारावास या जुर्माना।
धारा 223- लोकसेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। छह माह से एक वर्ष तक की सजा।
धारा 238- अपराध के साक्ष्य को गायब करना- 10 वर्ष तक की सजा
धारा 121 (1) लोक सेवक के कार्य में वाधा- पांच वर्ष कारावास
धारा 132 (1) लोकसेवक को कार्य से रोकने के लिए अपराधिक बल प्रयोग- दो वर्ष कारावास
7 सीएलए- किसी व्यक्ति के रोजगार या कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए परेशान करना।
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