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कोलकाता की ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप के बाद हत्या मामले में बंगाल में कई डॉक्टर हड़ताल पर हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कई बार डॉक्टरों से मुलाकात कर हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने इन जूनियर डॉक्टरों को धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया है।

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के रेप के बाद हत्या मामले में बंगाल में कई डॉक्टर हड़ताल पर हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कई बार डॉक्टरों से मुलाकात कर हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया है

इस बीच तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने इन जूनियर डॉक्टरों को धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया है।

डॉक्टरों की हड़ताल पर जताई नाराजगी

दरअसल, बरहामपुर में मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं। अब उन्हें टीएमसी विधायक ने उनके रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वे वातानुकूलित कमरों में आंदोलन और विरोध कर हैं जबकि आम जनता सड़कों पर परेशान हो रही है।

डॉक्टरों को दी धमकी

विधायक हुमायूं कबीर ने आगे कहा,

मुझे पता चला है कि इस महीने की शुरुआत में काम बंद करने वाले जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मेरी पिछली टिप्पणियों के लिए मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैं डरा हुआ नहीं हूं। उन्हें 1,000 लोगों की रैली निकालने दें। अगर मुझे मेरी टिप्पणियों के लिए जेल भेजा जाता है, तो रिहा होने के बाद मैं जूनियर डॉक्टरों का घेराव करने के लिए 10,000 लोगों को लेकर जाऊंगा।

दो मिनट में डॉक्टरों को काम पर ला दूंगा

विधायक ने आगे गुंडागर्दी वाले स्वर में कहा कि क्या ये लोग डॉक्टर कहलाने के लायक हैं? उन्हें उनके कार्यस्थल पर वापस लाने में मुझे दो मिनट लगेंगे। कबीर ने मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों का जिक्र किया, लेकिन उन्होंने यह टिप्पणी जूनियर डॉक्टरों द्वारा 30 सितंबर की दोपहर से प्रस्तावित 'काम बंद करो' की पृष्ठभूमि में की।

भाजपा ने टीएमसी पर बोला हमला

वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल नेताओं के गैरजिम्मेदाराना बयानों से स्थिति और बिगड़ रही है। घोष ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि स्थिति ऐसी हो गई है कि पूरी व्यवस्था ढहने के कगार पर है, मरीजों की मौत पर उनके पीड़ित परिजन खराब स्वास्थ्य सुविधाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि जूनियर डॉक्टर अस्पतालों में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वे सुरक्षा के लिए सड़कों पर हैं।

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