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स्वतंत्रता दिवस पर नक्सलवाद से लेकर राज्य की कई कल्याणकारी योजनाओं तक, पढ़िए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूरे भाषण में क्या कहा

CG News देश आज अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस मौके पर सीएम ने राज्य के लोगों को अपने संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राज्य में नक्सलियों के आंतक दबदबे से लेकर कई कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से बातचीत की।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं।

सीएम ने कहा, 'महात्मा गांधी के नेतृत्व में पूरे देश के स्वाधीनता सेनानियों के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत माता की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए जो अनथक मेहनत की, उसके सुखद परिणाम स्वरूप आज हम स्वतंत्र वातावरण में सांस ले रहे हैं।

गुरु घासीदास और बाबा आंबेडकर को किया याद 

 मुख्यमंत्री देव साय ने आगे कहा, 'स्वाधीनता के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान निर्माण का काम संपन्न हुआ, जो आज प्रकाश स्तंभ की तरह देश के लोकतंत्र को निरंतर आगे बढ़ने की राह दिखा रहा है। बरसों पहले बाबा गुरु घासीदास जी ने समता मूलक समाज का आदर्श हम सबके सामने रखा था, जो बाबा साहेब द्वारा निर्मित संविधान में फलीभूत हुआ। उनके संविधान में कबीर की वाणी का सार भी है, जो भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ समानता प्रदान करती है।'

सुरक्षा कैंप को लेकर दी जानकारी 

सीएम ने अपने संबोधन में देश के जवानों को याद करते हुए कहा कि आज के दिन हम अपने उन जवानों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो हमारे प्रदेश में लोकतंत्र विरोधी, नक्सलवादी आतंक से पूरे साहस और जज्बे के साथ मुकाबला कर रहे हैं। बीते आठ महीनों में हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 146 नक्सलियों को मार गिराया है। इस दौरान हमने 32 नये सुरक्षा कैंप खोले हैं और आने वाले दिनों में 29 नये कैंप शुरू करने जा रहे हैं। आज कई वर्षों बाद क्षेत्र की जनता सुरक्षित महसूस कर रही है, जिसका कारण हमारे वीर जवानों की मेहनत व पराक्रम है।

राज्य अन्वेषण एजेंसी का किया गठन 

नक्सलवादी घटनाओं से निपटने के लिए अनुसंधान और अभियोजन की कार्रवाई और भी प्रभावी रूप से हो सके, इसके लिए हमने राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का गठन किया है। बस्तर की जनता नक्सलियों से त्रस्त हो चुकी है और विकास के मार्ग पर सरपट दौड़ने को तैयार है।

पिछड़ी जनजातियों के लिए आरंभ की गई 'पीएम जनमन योजना'

अन्दरूनी क्षेत्रों में नये कैंपों का विस्तार कर लोगों को आतंक से मुक्ति देने के साथ ही इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का काम भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसके लिए हमने "नियद नेल्लानार" योजना शुरू की है। इस शब्द का अर्थ होता है "आपका अच्छा गांव"। विशेष पिछड़ी जनजातियों के हितग्राहियों के लिए आरंभ की गई "पीएम जनमन योजना" की तरह इस योजना से कैंपों के निकट पांच कि.मी. की परिधि के गांवों में 17 विभागों की 53 हितग्राही मूलक योजनाओं एवं 28 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है। इन गांवों में पहली बार लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं। वे शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सरकार की लोकहितकारी योजनाओं का लाभ अब उठा रहे हैं। उनके जीवन में सुशासन का नया सवेरा आया है।

'अपने जवानों के साथ अपने किसानों पर भी गर्व'

हमें अपने जवानों के साथ अपने किसानों पर भी गर्व है। उनके श्रम से छत्तीसगढ़ महतारी का धान का कटोरा भरा-पूरा रहता है। प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप हमने अन्नदाताओं की सुख-समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। पूर्व प्रधानमंत्री और हमारे प्रेरणा पुंज अटल जी के जन्मदिन "सुशासन दिवस" के अवसर पर हमने राज्य के 13 लाख किसानों के बैंक खाते में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस अंतरित किया।

हमने अपने वायदों को पूरा करते हुए किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी की। प्रदेश में "रिकॉर्ड" 145 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई। किसानों को समर्थन मूल्य की 32 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ ही कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत प्रदेश के 24 लाख 75 हजार किसानों को अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए अंतरित किए गए। इस प्रकार हमारे अन्नदाताओं के खाते में सरकार ने धान खरीदी और बकाया बोनस मिलाकर लगभग 49 हजार करोड रुपए अंतरित किए।