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MLA LAD Fund: 'एलजी ऑफिस चल रहा हर चाल', एमएलए एलएडी फंड की जांच के आदेश पर आप की प्रतिक्रिया

Delhi News दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच नई जंग छिड़ गई है। यह जंग है एमएलए एलएडी फंड। दरअसल एलजी इन फंडों की जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि LG ऑफिस दिल्ली की जनता के काम को रोकने के लिए हर तरह का हथकंडे अपना रही है। पढ़िए AAP की तरफ से और क्या कुछ आरोप लगाए गए।

 नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि एलजी एमएलए फंड की जांच कराके और महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्यों को रोककर दिल्ली के विकास को पटरी से उतारने की बेताब कोशिश कर रहे हैं। आप ने कहा है कि एलजी के कार्यालय द्वारा दिल्ली राज्य में सभी विकास कार्यों को रोकने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

दिल्ली जल बोर्ड का रोका गया फंड-आप

आप ने दावा किया कि दिल्ली में बुनियादी ढांचे से संबंधित समस्याएं पैदा करने के लिए पहले दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के धन का उपयोग रोककर उसे पंगु बना दिया गया। भले ही पानी और सीवर कार्यों के लिए डीजेबी को 4,000 करोड़ से अधिक आवंटित किए गए थे, लेकिन एलजी के पसंदीदा अधिकारियों द्वारा जटिलताएं पैदा की गईं।

डीजेबी के ज्यादातर काम चौपट हो गए। डीजेबी को सीवर लाइनों को बदलने, सीवर लाइनों से गाद निकालने, नई पानी की लाइनें व ट्यूबवेल आदि स्थापित करने की अनुमति नहीं दी।

अभी तक नहीं  मिला 500 करोड़ का मेयल फंड-AAP

पार्टी ने कहा कि इसी तरह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के तहत मेयर फंड को 500 करोड़ से अधिक आवंटित किए गए थे। लेकिन एलजी के चहेते अफसरों ने दिल्ली की जनता के खिलाफ ऐसी साजिश रची कि 500 करोड़ का मेयर फंड बेकार पड़ा है।

आप ने साझा किया कि एमएलए एलएडी फंड के ऑडिट को कोई नहीं रोक सकता है। सरकार के तहत सभी कार्यों के संबंध में ऑडिट की नियमित प्रक्रिया स्वाभाविक रूप से होती है। हालाँकि यह एमएलए एलएडी योजना के तहत चल रहे सभी कार्यों को रोकने के लिए एलजी का एक और प्रयास है। आप ने कहा कि हम किसी भी जांच का स्वागत करते हैं, हालांकि इसका असर लोगों के काम पर नहीं पड़ना चाहिए

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