29 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं 17 लाख सरकारी कर्मचारी, फटाफट निपटा लें काम
कर्मचारी संगठनों के दबाव के कारण ही सरकार ने अगले बजट सेशन में सुधारित राष्ट्रीय निवृत्ति वेतन योजना का एलान किया था। इसके बावजूद सरकार अपने वादे से पलट गई है और अपना वादा पूरा नहीं किया। इससे महाराष्ट्र के साढ़े आठ लाख कर्मचारी और शिक्षक नाराज हो गए हैं। कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र की तरह ही उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
मुंबई। महाराष्ट्र में आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि राज्य के 17 लाख सरकारी कर्माचारी एक साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। ऐसे में अगर आपको सरकारी ऑफिस में कोई काम है तो जल्द से जल्द निपटा लें। दरअसल, मुंबई में हुई राज्य सरकारी कर्मचारी संगठन कृति समिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि 29 अगस्त से सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
राज्य के सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें पुरानी पेंशन व्यवस्था के हिसाब से पेंशन दी जाए। राज्य के कर्मचारी और शिक्षकों ने पिछले साल मार्च 2023 में सात दिन की हड़ताल की थी, इस हड़ताल का असर सरकार पर देखने को मिला था। इसके बाद राज्य सरकार ने कर्मचारी और शिक्षक यूनियनों से बातचीत शुरू कर दी थी।
मुख्यमंत्री ने लिखित में भरोसा दिया था
मुख्यमंत्री ने लिखित में भरोसा दिया था कि कर्मचारियों और शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत ही आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी। मगर, दिसंबर 2023 तक सरकार की तरफ से कोई कदम ना उठाए जाने पर कर्मचारियों ने 14 दिसंबर 2023 से फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी।
अपने वादे से मुकरी राज्य सरकार
कर्मचारी संगठनों के दबाव के कारण ही सरकार ने अगले बजट सेशन में सुधारित राष्ट्रीय निवृत्ति वेतन योजना का एलान किया था। इसके बावजूद सरकार अपने वादे से पलट गई है और अपना वादा पूरा नहीं किया। इससे महाराष्ट्र के साढ़े आठ लाख कर्मचारी और शिक्षक नाराज हो गए हैं। कर्मचारियों की मांग है कि केंद्र की तरह ही उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
कर्मचारियों की ये है डिमांड
साथ ही केंद्र की तरह ही 1 नवंबर 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों और शिक्षकों पर 1982 की पुरानी पेंशन योजना लागू करने की डिमांड की है।
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