एक माह से संप्रेक्षण गृह में रह रहे बाल अपचारी ने अपनी मां को भावुक पत्र लिखकर हड़कंप मचा दिया। पत्र में उसने कहा कि मुझे संप्रेक्षण गृह से बाहर निकालो उसे छोटी बहन की शादी के लिए पैसा कमाना है। आरोप लगाया कि संप्रेक्षण गृह में पेट भर खाने को भी नहीं दिया जाता और मारपीट की जाती है
'मुझे यहां से निकालो, बहन की शादी...', एक पत्र ने मचाया हड़कंप; डीएम तक पहुंची बात
मुजफ्फरनगर। एक माह से संप्रेक्षण गृह में रह रहे बाल अपचारी ने अपनी मां को भावुक पत्र लिखकर हड़कंप मचा दिया। पत्र में उसने कहा कि मुझे संप्रेक्षण गृह से बाहर निकालो, उसे छोटी बहन की शादी के लिए पैसा कमाना है। आरोप लगाया कि संप्रेक्षण गृह में पेट भर खाने को भी नहीं दिया जाता और मारपीट की जाती है। हालांकि जांच में बाल अपचारी के आरोप झूठे पाए गए।
शहर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली विधवा के पुत्र को पुलिस ने एक नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पकड़ा था। जांच में नाबालिग पाया गया तो उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया। वह एक माह से अधिक समय से बाल संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध है। महिला ने डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके बेटे के साथ संप्रेक्षण गृह में गलत व्यवहार किया जा रहा है।
साक्ष्य के तौर पर उसने संप्रेक्षण गृह से बेटे की ओर से भेजा गया पत्र भी पेश किया। पत्र में उसने अपनी मां से उसे शीघ्र ही संप्रेक्षण गृह से निकालने का आग्रह करते हुए लिखा कि उसे रिहा होकर छोटी बहन की शादी के लिए रुपये कमाने हैं।
साथ ही उसने संप्रेक्षण गृह के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए मारपीट की शिकायत भी पत्र में की। जिस पर डीएम के आदेश पर उसकी मां को संप्रेक्षण गृह ले जाया गया। यहां से लौटकर शिकायतकर्ता महिला ने बताया, उसने बेटे से मिलकर सारी बात पूछी तो उसके लगाए गए आरोप निराधार पाए गए। बेटे ने संप्रेक्षण गृह से बाहर आने के लिए झूठे आरोप लगाए थे
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