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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर विपक्ष लगातार ईवीएम पर सवाल उठाता रहा है। अब राज्य कांग्रेस के प्रभारी नाना पटोले ने नतीजों को लोकतंत्र की हत्या करार दी है और कहा है कि सरकार और चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया पर लोगों के संदेह दूर करने की जरूरत है। इधर सामाजिक कार्यकर्ता बाबा अधव इसे लेकर पुणे में प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे को लोकतंत्र की हत्या करार दिया और कहा कि सरकार और चुनाव आयोग को चुनाव प्रक्रिया पर लोगों के संदेह दूर करने की जरूरत है। पटोले ने शनिवार को दावा किया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे पारदर्शिता की कमी को दर्शाते हैं।

नाना पटोले ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता बाबा अधव से बात की, जो हाल ही में हुए महाराष्ट्र चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के कथित दुरुपयोग के खिलाफ पुणे में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 90 वर्षीय अधव ने गुरुवार को शहर में समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के निवास फुले वाडा में अपना तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

नतीजों में पारदर्शिता की कमी: पटोले

पटोले ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा, 'महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में पारदर्शिता की कमी है। हमारा मानना ​​है कि यह नतीजा लोकतंत्र की हत्या है। जब लोग चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं तो चुनाव आयोग और सरकार की जिम्मेदारी है कि वे उनके संदेह दूर करें।'

उन्होंने कहा, 'वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा अधव पुणे के महात्मा फुले वाडा में इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मैंने डॉ. अधव को फोन किया और उनके आंदोलन में उनके साथ एकजुटता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए उनके साथ हूं।'

महायुति ने की सत्ता में जोरदार वापसी

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति ने शानदार जीत दर्ज की और 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर राज्य में सत्ता बरकरार रखी। लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबरते हुए भाजपा 132 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं

विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 और एनसीपी (एसपी) के उम्मीदवारों ने 10 सीटें जीतीं। नतीजों के बाद विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि सत्ताधारी दलों ने चुनाव जीतने के लिए ईवीएम में हेराफेरी की।

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