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प्रयागराज के मेजा में लेखपाल ने जमीन की पैमाइश कर समस्या का समाधान करने के लिए रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) कार्यालय पहुंचकर शिकायत की। गोपनीय जांच में शिकायत सही पाई गई तो बुधवार दोपहर विजिलेंस टीम ने लेखपाल राघवेंद्र को घूस लेते ट्रैप किया। अधिकारियों का कहना है कि लेखपाल के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा कायम किया गया है।

प्रयागराज। मेजा तहसील में कार्यरत लेखपाल राघवेंद्र कुमार यादव को विजिलेंस ने 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। लेखपाल ने जमीन की पैमाइश कर समस्या का समाधान करने के लिए रिश्वत मांगी थी। उसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। विजिलेंस की कार्रवाई से राजस्व कर्मियों में खलबली मची रही। आरोपी को जल्द ही निलंबित किए जाने की बात कही गई है।

मेजा नेवढ़ियाकला बम्भनी गांव निवासी साकेत कुमार मिश्रा की भूमिधरी जमीन पर तेजबली गुप्ता द्वारा कब्जा कर लिया गया था। साकेत ने डीएम से लेकर अन्य अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद राजस्व अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पत्थरगड़ी करवाई।

10 हजार रुपये की मांगी र‍िश्वत

आरोप है कि विपक्षी ने पत्थर को उखाड़कर फेंक दिया। तब साकेत ने फिर एसडीएम समेत अन्य से शिकायत की। तहसीलदार से मिलने पर उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र लेखपाल के पास पहुंच जाएगा। तीन दिन पहले लेखपाल ने व्‍हॉट्सएप पर काल किया और साकेत को टिकरी चौराहे के पास बुलाया। वहां पहुंचने पर लेखपाल राघवेंद्र ने काम करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। तब शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) कार्यालय पहुंचकर शिकायत की।

व‍िजि‍लेंस टीम ने ब‍िछाया जाल

गोपनीय जांच में शिकायत सही पाई गई तो बुधवार दोपहर विजिलेंस टीम ने लेखपाल राघवेंद्र को घूस लेते ट्रैप किया। आरोपित मेजा के अमिलियाकला चोरबना गांव का निवासी है। अधिकारियों का कहना है कि लेखपाल के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा कायम किया गया है। गुरुवार को उसे एंटी करप्शन कोर्ट वाराणसी में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।

राजस्व मामलों का निस्तारण नहीं होने से बाधित हो रहा विकास

राजस्व कर्मियों की लापरवाही के चलते ग्राम पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बुधवार को अखिल भारतीय प्रधान संगठन महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष कंचन मिश्रा और मंडल अध्यक्ष राजेश द्विवेदी के नेतृत्व में प्रधानों ने उप जिलाधिकारी मेजा से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानों ने पत्र देकर एसडीएम से गांव के राजस्व संबंधी मामलों को प्राथमिकता पर निस्तारित कराने को कहा।

मंडल अध्यक्ष राजीव द्विवेदी ने बताया कि गांव में भूमि विवादों के कारण कई विकास कार्य ठप हैं। लेखपालों का हाल यह है कि निस्तारण तो दूर, वह फोन तक भी नहीं उठाते। वहीं जिलाध्यक्ष कंचन मिश्रा ने शिकायती पत्र में कहा है कि विवादित जमीन के कारण गांव में बनने वाले पंचायत भवन, आरआरसी सेंटर और चकमार्ग पर निर्माण करना मुश्किल हो रहा है। इससे शासन की योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

समस्याओं को जानने के बाद एसडीएम ने आश्वासन दिया कि गांव से जुड़े राजस्व के मामले प्राथमिकता पर निपटाए जाएंगे। इसके अलावा चक मार्गो से संबंधित समस्याओं का भी निस्तारण जल्द ही कराया जाएगा। इस दौरान उरुवा गोरे लाल, फतेबहादुर और अनिल रजक आदि ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

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