उत्तर प्रदेश के भदोही में दिनदहाड़े एक सनसनीखेज वारदात हुई। बाइक सवार बदमाशों ने कार रुकवाकर इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र बहादुर सिंह को गोलियों से भून डाला। वहीं दूसरा बदमाश ड्राइवर पर बंदूक तान रखी थी। इस घटना से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
भदोही। इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मार डाला। वारदात सोमवार सुबह 8:45 बजे हुई, जब प्रधानाचार्य 56 वर्षीय योगेंद्र बहादुर सिंह कार से चालक के साथ कॉलेज जा रहे थे।
बदमाशों ने ओवरटेक कर कार को रुकवाया। इसके बाद एक बाद एक चार गोलियां प्रधानाचार्य पर दागीं। जान बचाने के लिए तुरंत अस्पताल नहीं ले जाया जा सके, हमलावरों ने गोली मारकर कार पहिया भी पंक्चर कर दिया था। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या का कारण पता नहीं चल सका है। पुलिस की तीन टीमें बदमाशों की तलाश में लगी हैं।
मोबाइल दिखाकर किया रुकने का इशारा
योगेंद्र बहादुर अमिलौरी में रहते थे। सुबह वह कॉलेज के लिए निकले थे। बसावनपुर गांव के राजकीय नलकूप के पास बाइक सवार दो लोगों ने उनकी कार को ओवरटेक कर मोबाइल फोन दिखाकर रुकने का इशारा किया
कार चालक संतोष सिंह ने बताया कि प्रधानाचार्य ने यह समझकर उसे गाड़ी रोकने को कहा कि किसी का मोबाइल फोन छूट गया है और उसे आगे देना है। कार रुकने के बाद योगेंद्र बहादुर ने जैसे ही कार का शीशा नीचे किया, बाइक पर पीछे बैठे बदमाश ने पास आकर उनको ताबड़तोड़ चार गोलियां मारीं। गोली उनके पेट व सीने में लगी। इसके बाद कार के अगले पहिये में भी गोली मारकर उसे पंक्चर कर दिया।
बेखौफ थे बदमाश
दूसरे बदमाश ने संतोष सिंह पर पिस्टल तान रखी थी। प्रधानाचार्य को गोली मारने के बाद बदमाश जौनपुर की ओर भाग निकले। चालक के अनुसार, दोनों ही बदमाशों ने न हेलमेट पहना था और न अपना मुंह ढंका था। यद्यपि वह उन दोनों को नहीं पहचानता है।
जुलाई में सौंपी गई थी प्रधानाचार्य पद की जम्मेदारी
डीआइजी व एसपी घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन की। योगेंद्र बहादुर सिंह की नियुक्ति 1991 में नेशनल इंटर कॉलेज में कामर्स के प्रवक्ता के पद पर हुई थी। इस साल एक जुलाई को वरिष्ठता के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया-
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