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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान हिंसा के मामले में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। चर्चा है कि सुनियोजित तरीके से रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने 10 लोगों पर हत्या और हिंसा के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। वहीं यह भी सामने आया है कि हिंसा की साजिश पहले से तैयार की गई थी।

बहराइच। महसी के महाराजगंज में मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान रविवार को जिस तरीके से श्रद्धालु को घर में घसीट कर ले जाया गया, उसकी बर्बरतापूर्वक पिटाई कर नाखून उखाड़े गए और फिर उसे गोली मार दी गई। 

उससे यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे घटना की स्क्रिप्ट पहले ही लिख ली गई थी। यही नहीं घटना में शामिल गांव निवासी दो मुस्लिम युवकों के नामजद होने के बाद अब इस बात की भी चर्चा है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या कर बवाल कराया गया।

ननकऊ और मारूफ से हुई थी कहासुनी

रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर निवासी 22 वर्षीय रामगोपाल बड़े ही उत्साह के साथ मूर्ति विसर्जन जुलूस में शामिल हुआ। उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसके नृशंस हत्या की योजना तैयार है। 

चर्चा इस बात की है कि हत्याकांड में शामिल गांव के ननकऊ और मारूफ से उसकी कहासुनी हुई थी। शायद यही कारण रहा होगा कि उसे मौत के घाट उतारने की पूरी साजिश रची गई।

जुलूस के दौरान सुधाकर तिवारी नामक युवक पर पहले जानलेवा हमला किया गया और इससे आक्रोशित होकर जब रामगोपाल अब्दुल के घर की छत पर चढ़ गया तो उसे घर में घसीट ले जाया गया और उसकी गोली मारकर नृशंस हत्या कर दी गई।

थानाध्यक्ष कमल शंकर चतुर्वेदी ने बताया कि युवक की हत्या के मामले में महाराजगंज निवासी अब्दुल हमीद, उनके बेटे रिंकू उर्फ सरफराज, फहीम के अलावा रेहुआ मंसूर निवासी ननकऊ पुत्र नानमून, मारूफ अली पुत्र मेहंदी हसन, राजा उर्फ साहिर खान समेत दस लोगों पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

तो अब्दुल हमीद के घर तैयार की गई हिंसा फैलाने की साजिश

महराजगंज में हुई हिंसा कोई अचानक नहीं भड़की थी। इसके लिए पहले ही तैयारी की गई थी। सुनियोजित तरीके से लोगों को पहले से धारदार हथियार व लाठी-डंडों के साथ बुलाया गया था। 

जैसे ही विसर्जन जुलूस अब्दुल के घर के पास पहुंचा तो तय साजिश के तहत श्रद्धालुओं पर पथराव किया गया, जिसके बाद ऐसे हालात पैदा किए गए कि पूरा इलाका हिंसा की आग में झुलस गया। यह कहना है लखनऊ स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हिंसा में घायल युवक सुधाकर तिवारी का। 

अस्पताल में इलाज कराने वाले महसी इलाके के सुधाकर का एक वीडियो एक्स पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बता रहे हैं कि रविवार को जब मूर्ति विसर्जन जुलूस निकल रहा था, तब वह सड़क के किनारे वह खड़ा था। 

एक गली से कुछ लोग हाथ में लाठी-डंडे व धारदार हथियार लेकर वहां पहुंचे और उस पर पीछे से हमला कर घायल कर दिया। जबरन लोग डीजे बंद कराने लगे। इससे जुलूस में शामिल लोगों में आक्रोश भड़क गया।

आरोप है कि इस दौरान 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र गुस्से में अब्दुल की छत पर चढ़ गया और वहां लगे हरे झंडे को निकालकर भगवा ध्वज फहराने लगा। इस बीच आरोपी उसे घर में घसीट ले गए और उसके साथ बर्बरता कर गोली मार दी। 

पूरी घटना पर गौर करें तो एक बात साफ है कि हिंसा भड़काने की साजिश पहले ही तैयार की गई थी, लेकिन खुफिया तंत्र इससे पूरी तरह बेखबर रहा, जिसका नतीजा रहा कि रामगोपाल की जान चली गई।

बढ़ा पहरा, सन्नाटे को चीर रही बूटों की धमक

पथराव व गोलीकांड के बाद उपजे हालात से निपटने के लिए पहरा कड़ा कर दिया गया है। चौक-चौराहों व गलियों में बूटों की धमक सुनाई पड़ रही है। वाहनों के सायरन से कस्बा गूंज रहा है। पुलिस स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। उच्चाधिकारी भ्रमणशील रहकर स्थिति का पल-पल जायजा ले रहे हैं।

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